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Hindi News खेल क्रिकेट चेतन शर्मा का है मानना, गेंद पर लार के इस्तेमाल को बैन करने के बावजूद खिलाड़ी हो सकते हैं संक्रमित

चेतन शर्मा का है मानना, गेंद पर लार के इस्तेमाल को बैन करने के बावजूद खिलाड़ी हो सकते हैं संक्रमित

पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा का मानना है कि अगर गेंद चमकाने के लिए लार और पसीने को बैन कर भी देते हैं इसके बावजूद खिलाड़ी पर कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा।

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कोविड-19 के कारण पूरे विश्व में क्रिकेट रुकी हुई है और इसकी वापसी को लेकर कोई वक्त निश्चित भी नहीं है लेकिन वापसी के समय क्रिकेट में होने वाले बदलावों की चर्चा जोरों पर है जिसमें से गेंद पर सलाइवा और पसीने के इस्तेमाल को रोकना भी शामिल है। भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को लगता है कि ऐसा करना नामुमकिन सा है क्योंकि खिलाड़ी 5-6 घंटे मैदान पर बिताता है तो उसका पसीना या सलाइवा किसी न किसी तरह गेंद पर लगेगा और इसी के साथ कीटाणु भी गेंद पर आ ही जाएंगे।

कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सलाइवा और पसीना से गेंद चमकाने के इस्तेमाल की बात की जा रही है और इसकी जगह कुछ और तरीके से गेंद को चमकाने के समाधान ढूंढ़ने पर भी बात हो रही है। चेतन को लगता है कि अगर आप कुछ और तरीके से गेंद को चमकाने की हामी भरते हो तो फिर आप बॉल टेम्परिंग को बढ़ावा दे रहे हो जिसके खिलाफ आप पहले से हैं।

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चेतन ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "देखिए अगर आप आर्टिफिशयल सब्सटेंस की बात करते हैं और उसका इस्तेमाल करने की मंजूरी देते हैं तो फिर आपने बॉल टेम्परिंग को लेकर जो इतनी चर्चाएं की हैं वो कहां जाएंगी। दूसरी बात, आप सलाइवा और पसीने के इस्तेमाल को रोकने की बात कर रहे हैं, तो जरा गौर करिए कि एक खिलाड़ी मैदान पर रहते समय कितनी बार अपनी जीभ को अपने होंठों पर लगाता है। अगर एक खिलाड़ी मैदान पर छह घंटे रहता है तो यह हो ही नहीं सकता कि खिलाड़ी अपनी जीभ को अपने होंठों पर न लगाए और अपने मुंह को हाथों से साफ न करे।"

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भारत के लिए पहली हैट्रिक लेने वाले चेतन ने कहा, "अगर ऐसे में आप सलाइवा भी गेंद पर नहीं लगाते हैं तो आपके कीटाणु तो गेंद पर आ ही गए। आप सलाइवा और पसीना का उपयोग इसलिए रोक रहे हैं ताकि कीटाणु (जर्म्स) गेंद पर न लगें लेकिन वो तो पहुंच ही जाएंगे। इसी तरह आपके शरीर पर आए पसीने को साफ करने के लिए अपने हाथ का इस्तेमाल तो करेंगे ही। आप खिलाड़ियों को यह तो नहीं कह सकते कि आप अपने हाथ को अपने मुंह पर या शरीर पर नहीं लगाएंगे।"

भारतीय टीम के लिए 23 टेस्ट और 65 वनडे मैच खेलने वाले चेतन ने कहा कि इसके बजाए कुछ और सोचना होगा।

उन्होंने कहा, "इसके अलावा आपको कुछ और सोचना होगा। आप खिलाड़ियों को 14 दिन क्वारंटीन करें, उनके टेस्ट करें। सलाइवा या कीटाणु (जर्म्स) से आप नहीं बच सकते क्योंकि वो किसी न किसी तरह पहुंचेगा ही। जांच करने के बाद आपको लगता है कि खिलाड़ी 100 फीसदी ठीक है तो आप उसे खेलने की मंजूरी दें और अगर आपको एक फीसदी भी खिलाड़ी को लेकर शंका है तो आप उसे हटाइए।"

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