EXCLUSIVE | चेतन सकारिया के हौसलों को पस्त नहीं कर सका 'दुखों का सैलाब' ; धोनी के विकेट को बताया खास
इंडिया टीवी से खास बातचीत के दौरान चेतन सकारिया ने बताया कि वह कैसे इस मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं और किस तरह अपने आप को पॉजिटिव रखने की कोशिश कर रहे हैं।
'दुख का घड़ा एक दिन भर जाएगा, प्यारे ये बुरा वक्त है कभी ना कभी कट जाएगा', ऐसी ही कुछ पंक्तियां इस समय भारतीय युवा तेज गेंदबाज चेतन सकारिया को सकारात्मक रहने में मदद कर रही है। 23 साल की उम्र में इस खिलाड़ी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन फिर भी चेतन ने इसका असर अपने खेल पर नहीं पड़ने दिया। आईपीएल में डेब्यू करने से पहले उनके भाई ने आत्महत्या कर ली थी, वहीं दुनियाभर में फैली कोविड महामारी की चपेट में आने से हाल ही में उनके पिता का भी देहांत हो गया।
ऐसे मुश्किल हालातों में जहां लोग पूरी तरह से टूट जाते हैं और अपनी सुध-बुध खो बैठते हैं, वहीं चेतन अभी भी खुद को सकारात्मक रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वह अपनी प्रैक्टिस के साथ-साथ अपने दोस्तों की भी मदद ले रहे हैं।
इंडिया टीवी से खास बातचीत के दौरान जब चेतन सकारिया से पूछा गया कि वह इस मुश्किल समय का सामना कैसे कर रहे हैं और किस तरह अपने आप को पॉजिटिव रखने की कोशिश कर रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा "यहां पर अब धीरे-धीरे सब खुलने लगा है तो ग्राउंड ट्रेनिंग हो जाती है। फिटनेस पर ध्यान देने के लिए जितना हो सकता है उतनी रनिंग कर लेता हूं और बाकी लॉकडाउन में कुछ समान लिया था उससे प्रैक्टिस भी हो जाती है। इस मुश्किल समय में जितना हो सके उतना अपने दोस्तों के साथ रहने की कोशिश कर रहा हूं ताकी बीजी रहूं और इन सब चीजों के बारे में ना सोचूं। अकेले जब रहता हूं तो थोड़ी दिक्कत होती है। दोस्तों से मुझे अच्छा साथ मिल रहा है।"
ऐसी मुश्किल घड़ी में जब कोई अपना चाहने वाला या करीबी बात करके सहानुभूति देता है तो काफी अच्छा महसूस होता है। चेतन ने बताया कि जब उनके पिता का देहांत हुआ था तो उनके पास भी कई कॉल आए थे। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जयदेव शाह समेत राजस्थान रॉयल्स के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट कुमार संगकारा ने भी संवेदना व्यक्त की थी।
चेतन ने इस बारे में बताया "इस मुश्किल घड़ी में मुझे बहुत सारे लोगों ने कॉल किया। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जयदेव शाह का मेरे पास कॉल आया था और जयदेव उनादकट ने भी मुझे कॉल करके सहानुभूति दी थी। राजस्थान रॉयल्स से भी मुझे कई कॉल आए थे। सबसे पहले मुझे सांगा सर (कुमार संगाकार) का कॉल आया था। उन्होंने ग्रुप में मैसेज करके सभी खिलाड़ियों को मुझे कॉल ना करने को कहा था। वह मुझे थोड़ा समय परिवार के साथ रहने देना चाहते थे। ये चीज मुझे बहुत अच्छी लगी थी।"
चेतन ने कोविड की इस मुश्किल परिस्थिति में सभी से हिम्मत ना हारने की अपील की है और साथ ही कहा है कि अच्छे दिन आने वाले हैं। अभी बुरा वक्त चल रहा है और यह भी एक दिन खत्म होगा और अच्छा वक्त फिर से आएगा। चेतन की यह पॉजिटिविटी देख हम भी उनके फैन हो गए।
चेतन सकारिया से इस खास बातचीत के दौरान हमने उनसे उनके आईपीएल डेब्यू, आईपीएल के फेवरेट विकेट और एक युवा खिलाड़ी के इस बड़े मंच पर डेब्यू करने के प्रेशर पर भी बातचीत की। आइए जानते हैं उन्होंने इन सभी सवालों का जवाब देते हुए क्या कहा -
एक युवा खिलाड़ी को आईपीएल जैसे बड़े मंच पर डेब्यू करने के दौरान किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उस पर कितना प्रेशर रहता है?
नए खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है कि बड़ी टीम में सेटल कैसे हों। तो मेरे ख्याल से मैं अब राजस्थान रॉयल्स की टीम में अच्छे से सेटल हो गया हूं। मैं सबके साथ घुल-मिल गया हूं और टीम के सामने अपनी गेंदबाजी को लेकर बात रख सकता हूं। टीम मैनेजमेंट भी मुझे अच्छे से समझता है और अपना खेल खेलने की पूरी आजादी देता है।
मुझे हर जगह से सपोर्ट मिला। कप्तान ने मुझे सपोर्ट किया, जयदेव भाई ने भी मुझे पूरा सपोर्ट किया। उन्होंने मुझे पहले ही समझा दिया था कि मैच के दौरान और मैच से पहले कैसी-कैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा था हो सकता है तूझे नींद नहीं आएगी और सच कहूं तो मैच से पहले मुझे अच्छे से नींद नहीं आई थी।
फैन्स के बिना डेब्यू करना आसान था या फैन्स की मौजूदगी में डेब्यू करना अच्छा लगता?
जाहिर सी बात है कि फैन्स के बिना डेब्यू करना आसान था। मैंने कई मैच फैन्स के बीच खेले हैं और फैन्स के बीच खेलना थोड़ा मुश्किल रहता है। इस दौरान ज्यादा दबाव तब आता है जब फैन्स विपक्षी टीम के होते हैं। इस वजह से बिना फैन्स के आईपीएल में डेब्यू करना मेरे लिए थोड़ा आसान रहा।
आईपीएल 2021 में खेले 7 मैचों में 7 विकेट लिए, इसमें सबसे खास विकेट कौन सा था?
धोनी का विकेट मेरे लिए सबसे खास था। मैच वानखेड़े के मैदान पर हो रहा था और विकेट बल्लेबाजों को मदद कर रही थी। उस मैच में रन भी बन रहे थे। धोनी की यह पसंदीदा परिस्थिति थी, वो डेथ ओवर में काफी अच्छा खेलते हैं। उनकी फेवरेट सिचुएशन में उन्हें आउट करके काफी अच्छा लगा। हमारा प्लान उन्हें विकेट से दूर खिलाने का था। जब भी गेंद उनके शरीर के आसपास होती है तो वह उसे बड़े शॉट में तबदील करते हैं। तो यही प्लान था और इससे उन्हें दिक्कत भी हुई।
संजू सैमसन की कप्तानी में क्या खास बात लगी?
सैमसन गेंदबाजों के साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करते। गेंदबाज को कैसी बॉल डालनी है वह उस पर ही छोड़ देते हैं। सैमसन को बस बताना होता है कि मैं ये गेंद डालने वाला हूं और ये मेरी फील्ड है। अगर उन्हें कुछ गलत लगता है तो वह प्यार से आकर गेंदबाज से बात करते हैं ताकि उस पर प्रेशर ना आए। सैमसन अपने गेंदबाजों पर काफी भरोसा दिखाते हैं।
आईपीएल के दौरान मॉरिस और मुस्ताफिजुर जैसे सीनियर विदेशी खिलाड़ियों से क्या सीखने को मिला?
क्रिस मॉरिस प्रेशर बहुत अच्छा हैंडल करते हैं। वो आगे-पीछे का कुछ नहीं सोचते, जब वह मैदान पर उतरते हैं तो बस खेल का आनंद लेने की कोशिश करते हैं। उनका कहना है कि अगर ग्राउंड पर अपना गेम इंज्वॉय करेंगे तभी हम अपना बेस्ट दे पाएंगे। इधर-उधर का प्रेशर लेने से हमारे गेम पर असर पड़ सकता है।
मुस्ताफिजुर बहुत स्मार्ट खिलाड़ी हैं। वह विकेट को बहुत अच्छे से समझते हैं और वह विकेट के हिसाब से गेंदबाजी करना जानते हैं। कैसे विकेट पर कैसी गेंदबाजी करनी है वह अच्छे से जानते हैं। मैं उनसे यह चीज सीखने की कोशिश कर रहा हूं। हां ये थोड़ा मुश्किल है, लेकिन मैं कोशिश कर रहा हूं। मुस्ताफिजुर की स्लोर बॉल कमाल है, वीडियो में देखकर ही यह काफी कठिन लगाता है।
क्या आपकी भी प्राथमिकता भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना है?
जाहिर तौर पर मुझे भी भारत के लिए टेस्ट मैच खेलना है, वह मेरा गोल है। ऐसा नहीं है कि मुझे एक-दो टेस्ट ही खेलने हैं। मैं भारत के लिए लंबे समय तक टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं। जैसा जहीर सर खेले थे। टेस्ट क्रिकेट चुनौतीपूर्ण है। इस फॉर्मेट में हमें अपनी फिटनेस के साथ-साथ कौशल में भी सुधार करते रहना होता है।
भारत के लिए कब खेलूंगा यह तो मेरे हाथ में नहीं है, इसका फैसला तो चयनकर्ता ही करेंगे। मैं बस अपने परफॉर्मेंस पर ध्यान देना चाहता हूं। हां अगर मैं ऐसे ही लगातार परफॉर्म करता रहा तो जल्द ही भारत के लिए खेलूंगा।