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Hindi News खेल क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी : अगर टीम इंडिया को चैंपियन बनना है तो इन चार टीमों को देनी होगी करारी मात

चैंपियंस ट्रॉफी : अगर टीम इंडिया को चैंपियन बनना है तो इन चार टीमों को देनी होगी करारी मात

विश्‍व कप 2015 के बाद आईसीसी का सबसे बड़ा टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने जा रहा है और इसी के साथ क्रिकेट प्रेमियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह चल रहा है कि इस बार ऐसी कौन सी टीम है जो बाजी मार सकती है? क्या चैंपियंस ट्रॉफी में डिफेंडिंग चैंपियन टी

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चैंपियंस ट्राफी पर मनीष कुमार की स्‍पेशल रिपोर्ट: 

विश्‍व कप 2015 के बाद आईसीसी का सबसे बड़ा टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने जा रहा है और इसी के साथ क्रिकेट प्रेमियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह चल रहा है कि इस बार ऐसी कौन सी टीम है जो बाजी मार सकती है? क्या चैंपियंस ट्रॉफी में डिफेंडिंग चैंपियन टीम इंडिया खिताब बचा पाएगी? क्या टीम इंडिया में एक बार फिर से चैंपियन बनने का दम है। ठीक चार साल पहले इंग्लैंड में ही भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी की चैंपियन बनी थी। एक बार फिर से चैंपियंस ट्रॉफी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 8 टीमों के इस महामुकाबले में आखिर किस टीम की दावेदारी मजबूत है? आंकड़ों के खेल में कौन सी टीम है सबसे अव्वल बता रहे हैं हमारे संवाददाता मनीष कुमार ….
 
8 का लगेगा दम : बड़ा सवाल चैंपियंस ट्रॉफी में कौन बनेगा चैंपियन ?

चैंपियंस ट्राफी में कुल 8 टीमें भाग ले रही है जिसमें से सबसे दमदार प्रदर्शन करने वाल चार टीमों को सेमीफाइनल में प्रवेश मिलेगा उसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल का दमदार मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों को देखने को मिलेगा। कुल मिलाकार क्रिकेट के इस खेल में किसी भी स्‍टेज पर एक चूक टीमों को पड़ सकती है भारी।
 
चैंपियंस ट्रॉफी : आकड़ों के लिहाज से इंग्‍लैंड का दावा सबसे मजबूत

लेकिन अगर आकड़ों के हिसाब से हम चैंपियंस ट्राफी के संभावित दावेदार की तलाश करें तो इंग्‍लैंड एक ऐसी टीम है जिसका दावा सबसे दमदार नजर आता है। ऐसा आकलन हम जिन आकड़ों के आधार पर कर रहे हैं वो हमने विश्‍वकप 2015 के बाद के लिए हैं। दरअसल विश्‍वकप 2015 के बाद इंग्‍लैंड एक ऐसी टीम के रूप में पहचान बनाने में सफल रही है जिसने सबसे अधिक मैच में जीत दर्ज की है और उसकी सफलता की दर 62 फीसदी रही है। जी हां इंग्‍लैंड ने विश्‍वकप के बाद अपने 62.79 फीसदी मुकाबलों में विजय प्राप्‍त की है जो इस बार चैंपियंस ट्राफी में भाग ले रही टीमों में सबसे अधिक है। तमाम टीमों के रन रेट का तुलनात्‍मक आकलन करने पर हम पाते हैं कि इंग्‍लैंड यहां भी 6.27 के साथ सबसे बेहतर है और दक्षिण अफ्रीका 5.82 के साथ दूसरे नंबर पर है।

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दक्षिण अफ्रीका भी कम नहीं, इंग्‍लैंड को मिल सकती है कड़ी टक्‍कर
 
जीत के प्रतिशत के मामले में विश्‍वकप 2015 के बाद दक्षिण अफ्रीका ने अपने जीतने भी वनडे मैच खेले हैं उसमें उसका जीत का प्रतिशत 62.59 फीसदी रहा है जो इंग्‍लैंड के जीत के प्रतिशत के आस-पास है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी कोई बड़ी चूक ना करें और अपने वर्तमान प्रदर्शन को जारी रखने में सफल रहते हैं तो वह चैंपियंस ट्राफी में ना केवल अन्‍य टीमों पर भारी पड़ सकते हैं बल्कि इंग्‍लैंड के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा भी साबित हो सकते हैं।

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तीसरे नंबर पर ऑस्‍ट्रेलिया तो चौथे नंबर पर बांग्‍लादेश का बनता है दावा

क्रिकेट में दिन विशेष पर मैच का परिणाम कब बदल जाए कहा नहीं जा सकता लेकिन आकड़ों के गणित की बात की जाए तो इंग्‍लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बाद जीत के प्रतिशत के मामले में ऑस्‍ट्रेलिया 59 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर तो वहीं बांग्‍लादेश विश्‍वकप के बाद 57 फीसदी जीत के साथ सभी टीमों को चौंका रही हैं।


 
बड़ा सवाल क्‍या टीम इंडिया फिर से चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्‍जा जमा पाएगी ?

जहां तक टीम इंडिया की बात है तो विश्वकप के बाद टीम इंडिया ने जितने वनडे मैच खेले हैं उसमें से सिर्फ 55 फीसदी मैचों में जीत दर्ज की है। यह एक ऐसा आंकड़ा है जो चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े मुकाबले के लिए काफी कमजोर माना जा सकता है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कोच अनिल कुंबले और कप्‍तान विराट कोहली इस मनौवैज्ञानिक आंकड़ों से परे जाकर टीम इंडिया से कैसे बेहतर प्रदर्शन करवाने में सफल रहते हैं। गौरतलब है कि टीम इंडिया घरेलू सीरीज में साउथ अफ्रीका से और विदेश दौरे में बांग्‍लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज हार गई थी। भारत को अगर चैंपियंस ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन करना है तो उसको अपना रन रेट बेहतर करना होगा और इसके लिए टीम इंडिया के बल्‍लेबाजों को इंग्लैंड में उम्‍मीद से बेहतर खेल दिखाना ही होगा। विश्वकप के बाद से टीम इंडिया ने अपने जितने भी मैच खेले हैं उसमें उसका रन रेट 5.73 आता है जो इंग्‍लैंड (6.27), दक्षिण अफ्रीका (5.82) और ऑस्‍ट्रेलिया (5.81) के बाद चौथे नंबर पर आता है।
 
बेहतर ओपनिंग साझेदारी बड़े मैचों में बन सकती है गेमचेंजर

दरअसल टीम इंडिया की कमजोर कड़ी ओपनिंग साझेदारी नजर आती है। भारत ने विश्वकप के बाद केवल आठ बार 300 के आंकड़े को टच किया है। अगर चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को बड़े स्‍कोर वाले मैच में जीत का सेहरा पहनना है तो बेहतर ओपनिंग वाली साझेदारी सबसे जरूरी है। इन सब बातों के साथ टीम इंडिया के पक्ष में एक बात जाती हुई दिखती है उसके दो खिलाड़ी विराट कोहली और केदार जाधव विश्वकप के बाद खेले गए मैचों में रन औसत के मामले में टॉप 3 में शामिल है। रन औसत के आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो विराट कोहली (64.10) और केदार जाधव (64.00) से आगे डेविड वार्नर हैं जिनका रन औसत 65.48 फीसदी रहा था।  

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