नई दिल्ली। राष्ट्रीय टीम में फिटनेस के स्तर में बदलाव के लिये जिम्मेदार बासु शंकर को लगता है कि भारतीय और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के कप्तान विराट कोहली लंबे ब्रेक के बाद और बेहतर एथलीट बन गये हैं क्योंकि इस दौरान उन्होंने शारीरिक फिटनेस के उन पहलुओं पर ध्यान लगाया जिन पर काम करने की जरूरत थी।
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के कारण कोहली पांच महीने तक मुंबई में फंस गये और नेट पर उनका अभ्यास अच्छी तरह से यहां संयुक्त अरब अमीरात पहुंचकर ही हो पाया जहां 19 सितंबर से इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन किया जायेगा। लेकिन उन्होंने सुनिश्चित किया कि ब्रेक के दौरान उनके फिटनेस के स्तर पर कोई असर नहीं पड़े और बल्कि जहां तक कौशल की बात है तो इससे उन्हें वापसी में मदद ही मिली हालांकि वह नेट पर अभ्यास शुरू करने के दौरान थोड़े डरे हुए थे।
पूर्व भारतीय ट्रेनर बासु अब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के ‘स्ट्रेंथ एवं कंडिशनिंग’ कोच हैं, उन्होंने दुबई से पीटीआई से कहा, ‘‘वह (कोहली) काफी अच्छी फिटनेस के साथ आया है। उसका वजन इस समय बिलकुल सही है और उसके ‘मूवमेंट पैटर्न’ भी लय में हैं जो पहले से बेहतर हैं।’’
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भारतीय टीम के साथ 2015 से 2019 तक काम करने वाले बासु ने कहा, ‘‘उसने इस ब्रेक का इस्तेमाल शारीरिक रूप से उन सभी चीजों पर काम करने के लिये किया जिन पर ध्यान लगाने की जरूरत थी। ’’ बासु आरसीबी और भारतीय टीम के साथ रहने के दौरान कोहली के साथ फिटनेस पर काफी काम करते थे। बासु ने कहा कि कोहली उन चीजों पर भी काम करने में सफल रहे जिन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को व्यस्त कार्यक्रम के कारण करने में मुश्किल होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘उसके पास समय था कि वह अपनी भोजन की योजनाओं पर ध्यान दे सके और घर पर दौड़ने का अभ्यास भी करता रहे। लॉकडाउन के कारण उसके पास कोई विकल्प नहीं था और उसने ट्रेडमिल पर अपनी सहनशक्ति पर काम किया जो व्यस्त कार्यक्रम के कारण संभव नहीं हो पाता।’’
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