BLOG: कुंबले की गुगली पर शास्त्री का बोल्ड होना टीम इंडिया के नए दौर का आगाज है
दरअसल यह अनिल कुंबले ही नहीं बल्कि टीम इंडिया के एक नए दौर की शुरुआत है। पहले ऐसा लग रहा था कि दिग्गज क्रिकेटर रवि शास्त्री टीम इंडिया के नए कोच बन सकते हैं लेकिन अचानक अनिल कुंबले ने कोच पद के लिए आवेदान करके ना केवल सबको हैरान कर दिया।
आखिर टीम इंडिया के नए कोच का फैसला हो गया है। तमाम सवालों और जवाबों के साथ नए कोच के लिए मंथन पूरा हो चुका है और लंबी प्रकिया के बाद अनिल कुंबले को टीम इंडिया का नया हेड कोच बना दिया गया है। फैसला आखिर कितना सही है ? जवाब बहुत सीधा सा है सौ फीसदी सही है, कम से कम उस समय जब आपको अगले एक साल में 17 टेस्ट मैच खेलने हों ऐसे समय में इस तरह का फैसला सही ही कहा जाना चाहिए।
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दरअसल यह अनिल कुंबले ही नहीं बल्कि टीम इंडिया के एक नए दौर की शुरुआत है। पहले ऐसा लग रहा था कि दिग्गज क्रिकेटर रवि शास्त्री टीम इंडिया के नए कोच बन सकते हैं लेकिन अचानक अनिल कुंबले ने कोच पद के लिए आवेदान करके ना केवल सबको हैरान कर दिया बल्कि अपनी योजना और रणनीति के बल पर टीम इंडिया के नए हेड कोच बन गए।
फैब फाइव टीम इंडिया के नए दौर का निर्माण करेंगे
अनिल कुंबले को टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद पर चुना जाना यह साबित करता है कि टीम इंडिया के फैब फाइव आने वाले समय में भविष्य की टीम इंडिया कैसी होगी इसका फैसला करेंगे। बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में अनुराग ठाकुर का नियुक्त होना, 16 साल बाद अनिल कुंबले के रूप में किसी भारतीय खिलाड़ी का टीम इंडिया में कोच बनना और विराट कोहली जैसे आक्रमक कप्तान को टेस्ट टीम की बागडोर संभालना यह कुछ ऐसी बातें हैं जो बताती है कि आने वाले दौर में हम एक नई टीम इंडिया को देख सकेंगे।
राहुल द्रविड़ जूनियर टीम को कोचिंग पहले ही दे रहे हैं और सचिन,गांगुली और लक्ष्मण बीसीसीआई को टीम इंडिया से जुड़ी बड़ी बातों पर सलाकार टीम का प्रमुख हिस्सा है। जीं हां टीम इंडिया बदल रही है और इस बदलाव में अपने जमाने के फैब फाइव का रोल सबसे अधिक रहने वाला है।
भला इससे बेहतर विकल्प आपके पास क्या हो सकता है ?
कुछ लोग कह सकते हैं जिस टीम इंडिया में कप्तान के सवाल पर सबसे अधिक पर भरोसा जताया जाता रहा हो वहीं एक गेंदबाज को टीम इंडिया का कोच बनाना आखिर कितना सही है? दरअसल इस तरह का सवाल पूछा जाता है तो इसका जवाब है अगर आप अनिल कुंबले जैसे गेंदबाज पर भरोसा नहीं कर सकते तो आप फिर किस पर दांव लगाएगें। एक गेंदबाज जिसने अपने दो दशक के शानदार करियर में 132 टेस्ट में 619 विकेट, 271 वनडे में 337 विकेट लेकर भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज के तौर पर अपनी पहचान बनाई हो भला इससे बेहतर विकल्प आपके पास क्या हो सकता है।
अनिल कुंबले : कूल माइंड और अटैकिंग गेम प्लेयर
जब आपके पास टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली जैसा आक्रमक कप्तान हो तो अनिल कुंबले जैसा कूल माइंड और अटैकिंग गेम प्लेयर वाला कोच का होना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि क्रिकेट जितना जोश वाला खेल है उतना होश वाला भी और यह बात सिखाने के लिए अनिल कुंबले से बेहतर कोच कौन हो सकता है? जरा याद करें अनिल कुंबले के कप्तानी के दौर को आखिर कैसे बेहद कम समय में उन्होंने शानदार सफलताएं अपने नाम की थी। यहीं वह बात थी जिसे सचिन,गांगुली और लक्ष्मण की तिकड़ी ने समझी और तमाम बातों के साथ अनिल कुंबले के नाम पर अपनी मोहर लगा दी।
फ्यूचर की टीम इंडिया बनाने में मिलेगी मदद
क्या गजब का संजोग है युवा टीम के हेड कोच की कमान राहुल द्रविड़ के हाथों में हैं और ठीक ऐसे समय में अनिल कुंबले का टीम इंडिया का कोच बनना सोने पर सुहागा का काम करेगा क्योंकि द्रविड़ और कुंबले में आपसी तालमेल बेहद शानदार है, ऐसे में फ्यूचर की टीम इंडिया बनाने में बहुत मदद मिलेगी और आने वाले विश्वकप के लिए एक शानदार टीम इंडिया तैयार की जा सकेगी।
अगले एक साल में टीम इंडिया को 17 टेस्ट मैच खेलने हैं इस लिहाज से टीम की ताकत और कमजोरी पर कुंबले का फोकस सबसे अधिक रहेगा। कोच बनते ही उन्होंने इस बात की तरफ सकेंत देते हुए अपने बयान में कहा भी है कि वह लांग टर्म और शार्ट टर्म दोनों ही तरह की स्ट्रैटजी पर काम कर रहे हैं टीम से बातचीत करने के बाद फाइनल रणनीति बनाकर आगे बढ़ा जाएगा। कुंबले का यह कहना बिल्कुल सही है कि टीम इंडिया में खिलाड़ी पहले होते हैं और कोच हमेशा पर्दे के पीछे से काम को योगदान देते हैं इसलिए उन पर दायित्व काफी अधिक बढ़ा है।