क्रिकेट से होने वाली 'मानिसक बीमारी' के चलते एक समय जीवन खत्म करना चाहते थे प्रवीण कुमार
प्रवीण के साथ खेले हुए खिलाड़ी जैसे कि इरफ़ान पठान और रूद्र प्रताप सिंह अक्सर क्रिकेट मैच में हिंदी कमेंट्री करते हुए दिखाई दे जाते हैं, मगर प्रवीण कुमार इन सबसे बिल्कुल नदारद रहते हैं।
क्रिकेट खेले में इन दिनों मानसिक बीमारी का कई खिलाड़ियों को शिकार होना पड़ रहा है। जिसको लेकर टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने भी अपनी क्रिकेट से होने वाली मानसिक बीमारी के दिनों को याद करते हुए खुलासा किया है। इससे पहले हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने मानसिक बीमारी के कारण खुद को थोड़े समय के लिए क्रिकेट से दूर रखा था। जबकि क्रिकेट जगत के पूर्व खिलाड़ी ग्रीम थोपे, जोनाथन ट्रॉट और मार्कस ट्रेस्कोथिक को भी क्रिकेट खेलने के दौरान मानसिक बीमारी का शिकार होना पड़ा था।
इस तरह इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में प्रवीण कुमार ने अपने क्रिकेट करियर में मानसिक बीमारी को लेकर कहा, "मैंने खुद से कहा कि क्या है ये सब? बस अब खत्म करते हैं।"
स्विंग गेंदबाज प्रवीण ने साल 2018 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। जिसके बाद वो मानसिक बीमारी के अंतर्गत काफी दिन रिहैब में भी रहे थे। ऐसे में अपने दिनों को याद करते हुए प्रवीण ने कहा, "मेरे पास बात करने के लिए कोई नहीं था, लगभग लगातार चिड-चिड़पन (जलन) महसूस करता था। एक तेज गेंदबाज के रूप में, मुझे बहुत सोचना पड़ता था। मैंने काउंसलर से कहा कि मैं विचारों को आने से रोक नहीं पा रहा हूँ जिससे मुझे समस्या हो रही है।"
वहीं प्रवीण के साथ खेले हुए खिलाड़ी जैसे कि इरफ़ान पठान और रूद्र प्रताप सिंह अक्सर क्रिकेट मैच में हिंदी कमेंट्री करते हुए दिखाई दे जाते हैं, मगर प्रवीण कुमार इन सबसे बिल्कुल नदारद रहते हैं। ऐसे में उन्होंने क्रिकेट के बाद अपने जीवन के बारे में कहा, "मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं है। मैं कुछ करना चाहता हूँ लेकिन नहीं कर सकता हूँ।"
इसके आगे प्रवीण ने कहा, "मुझे ऐसा लग रहा कि सभी सोच रहे हैं पीके ( प्रवीण कुमार ) रिटायर्ड हो गया, लेकिन आजाद नहीं हुआ। कोई नहीं जानता कि उत्तर प्रदेश रणजी टीम के पास गेंदबाजी कोच नहीं है? मुझे टीम के साथ रहना चाहिए और यहां मेरठ में नहीं बैठना चाहिए।"
प्रवीण कुमार का ज्यादा लम्बा टेस्ट करियर नहीं रहा। इसके बावजूद साल 2011 में इंग्लैंड में अपनी गेंदबाजी से तहलका मचाने वाले प्रदर्शन को याद करते हुए प्रवीण ने कहा, "मैं इतनी अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। इंग्लैंड में, हर किसी ने मेरी प्रशंसा की। मैं एक टेस्ट करियर के बारे में सपना देख रहा था। मगर अचानक सब कुछ चला गया,"
बता दें कि प्रवीण ने इंग्लैंड में तीन टेस्ट मैचों में 15 विकेट हासिल किए थे। जिसके बाद से सभी प्रवीण की गेंदबाजी के कायल हो गए थे मगर दुर्भाग्यवश प्रवीण अपने क्रिकेट करियर में ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। उन्होंने अपने करियर में 68 वनडे, 10 टी20 और 6 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमें 77, 8 और 27 विकेट हासिल किए हैं।