अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में उतरने से पहले टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने बीसीसीआई से रखी ये ख़ास मांग
टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का मानना है कि खिलाड़ियों को अपने राज्य में ही रहकर किसी ना किसी तरह से ट्रेनिंग शुरू कर देनी चाहिए।
नई दिल्ली| कोरोना महामारी के कारण जहां सभी प्रकार के खेलों पर रोक लगी हुई है वहीं सभी खिलाडी घर पर बैठे हुए हैं। इतना ही नहीं इस महामारी के चलते भारत में अभी भी अतंरराज्यीय यात्रा पर पाबंदी लगी हुई है। जिसके चलते खिलाड़ियों को फिट रखने व उन्हें खेल से जुड़े रहने के लिए टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने ख़ास सलाह दी है। उनका मानना है कि खिलाड़ियों को अपने राज्य में ही रहकर किसी ना किसी तरह से ट्रेनिंग शुरू कर देनी चाहिए।
अरूण ने फैनकोड के ‘लॉकडाउन बट नॉट आउट’ में कहा, ‘‘आंशिक रूप से लॉकडाउन हट गया है लेकिन अंतर-राज्यीय यात्रा में समस्या होगी। खिलाड़ियों को अब अपने शहर के उपलब्ध मैदानों को दौड़ने के लिये इस्तेमाल करना होगा और इसके साथ वे कौशल निखारना भी इसमें शामिल कर सकते हैं। ’’
अरूण ने कहा कि खिलाड़ियों को कम से कम डेढ़ महीना मैच फिटनेस हासिल करने में लगेगा और उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू करने से पहले बीसीसीआई एक टूर्नामेंट आयोजित करा दे तो अच्छा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिये अभी कम से कम छह से आठ हफ्ते लगेंगे, इस दौरान हम पहले कौशल पर काम करेंगे और शिविर में फिटनेस पर ध्यान दिया जायेगा जिसे बाद हम मैच की परिस्थितियों के अनुसार अभ्यास पर प्रगति करेंगे। उम्मीद करते हैं कि बीसीसीआई हमारे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने से पहले एक टूर्नामेंट आयोजित कर ले जो हमारे लिये शानदार होगा।’’
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अरूण ने साथ ही कहा कि लॉकडाउन गेंदबाजों के लिये मामूली चोटों से उबरने और अपनी फिटनेस पर काम करने के लिये अच्छा मौका था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं गेंदबाजों के बारे में चिंतित नहीं हूं क्योंकि उनके पास पिछले दो महीनों से काफी समय था जिसमें वे अपनी मजबूती और अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे।’’
57 साल के हो चुके कोच अरुण ने कहा, ‘‘बहुत कम होता है कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को, विशेषकर हमारे गेंदबाजों को अपनी फिटनेस पर काम करने के लिये इस तरह का समय मिले। उनके लिये मामूली चोटों से उबरने का शानदार मौका था।’’