कोरोना वायरस महामारी के बीच इंग्लैंड में जहां 8 जुलाई से क्रिकेट की वापसी होने जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट की बहाली पर संकट अभी भी बरकरार है। इस बीच श्रीलंकाई दौरे को लेकर बीसीसीआई का बड़ा बयान आया है।
बीसीसीआई ने कहा है कि अगस्त में श्रीलंका दौरे को लेकर वह अभी भी 'देखो और इंतजार करो' की नीति पर चल रहा है। कोरोना को देखते हुए बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि वह सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे, क्योंकि उनके लिए खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे पहले है और इससे वो कोई समझौता नहीं करेंगे।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सीरीज पर अभी भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि यह अभी दो महीने दूर है। अधिकारी ने कहा, "इस समय हम देखो और इंतजार करो की नीति पर चल रहे हैं। यह अभी भी दो महीने दूर है। जैसा कि हम पहले ही कह चूके हैं और अभी भी कह रहे हैं कि खिलाड़ियों की सुरक्षा प्राथमिकता है। इस मामले में हम सरकार के दिशानिर्देशों को मानेंगे। इस सवाल पर जवाब देना जल्दबाजी होगा कि यह दौरा होगा या नहीं। अभी हमने कोई फैसला नहीं लिया है।"
श्रीलंका की आइसलैंड न्यूजपेपर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने श्रीलंकाई बोर्ड को पुष्टि की थी कि स्थगित हुई सीरीज सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद हो सकती है। यह पूछे जाने पर कि क्या सीरीज खाली स्टेडियम में खेली जाएगी, अधिकारी ने कहा कि यह कुछ ऐसा है, जोकि श्रीलंका क्रिकेट नहीं चाहता है। उन्होंने कहा, "हम स्टेडियम को 30 से 40 फीसदी तक भरना चाहते हैं। दर्शक एक मीटर की दूरी बनाकर मैच देख सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम फैसला स्वास्थ्य अधिकारी लेंगे। हम उनके निर्देशों का पालन करेंगे।"
गौरतलब है कि श्रीलंका जल्द से जल्द भारतीय टीम की मेजबान करना चाहता है क्यों श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के पास मौजूदा समय में कोई भी मीडिया राइट्स होल्डर नहीं है। ऐसे में बोर्ड भारतीय दौरे की मदद से ब्रॉडकास्टर को अपनी ओर आर्कषित कर सकता है और यह उनके कमाई का एक साधन भी बनेगा। श्रीलंका दौरे पर भारत को तीन वनडे और 3 T20 मैच खेलने है। यह सीरीज पहले जून में होनी थी, लेकिन कोरोना के चलते इसे स्थगित कर दिया गया।
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