मुंबई। सौरव गांगुली की अगुवाई वाले बीसीसीआई ने रविवार को उसके पदाधिकारियों के कार्यकाल को सीमित करने वाले उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने का फैसला किया।
बीसीसीआई ने इस तरह पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली के नौ महीने के कार्यकाल को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ करने का प्रयास किया। बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक में यह फैसला किया गया और इसे लागू करने के लिए उच्चतम न्यायालय की स्वीकृति की जरूरत पड़ेगी।
एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘सभी प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकृति मिल गई है और अब इन्हें उच्चतम न्यायालय के पास भेजा जाएगा।’’ मौजूदा संविधान के अनुसार अगर किसी पदाधिकारी ने बीसीसीआई या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं जो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा। गांगुली ने 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था और उन्हें अगले साल पद छोड़ना होगा लेकिन छूट दिए जाने के बाद वह 2024 तक पद पर बने रह सकते हैं।
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