नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के खिलाफ सिरीज़ के दूसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया में 23 साल के युवा गेंदबाज मोहम्मद सिराज को प्लेइंग इलेवन में जगह मिली है। लेकिन इस युवा के यहां तक पहुंचने का सफर बेहद मुश्किल रहा है। सिराज की कहानी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है।
मोहम्मद सिराज का जन्म हैदराबाद में हुआ था। वह उस वक़्त चर्चा में आए जब उन्हें इस साल IPL 2017 में सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम में चुना गया। उनका डेब्यू बेहद सफल रहा और उन्होंने अपने पहले ही सीज़न में 6 मैचों में 10 विकेट लिए। हैरानी की बात ये है कि मोहम्मद सिराज कभी भी कोचिंग अकादमी नहीं गए क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी थी ही नहीं कि वो क्रिकेट की कोचिंग ले सकें। मोहम्मद सिराज के पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं लेकिन उन्होंने इसका असर कभी भी खुद पर नहीं पड़ने दिया और जमकर मेहनत की।
सिराज को इस मुक़ाम तक पहुंचाने में उनके पिता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने पेट काटकर अपने बेटे के लिए क्रिकेट की एक महंगी किट का इंतज़ाम किया। सिराज ने गरीबी को काफी करीब से देखा और शायद इसीलिए हर चीज की अहमियत समझते भी हैं। कई बच्चों को वो आज भी क्रिकेट की फ्री कोचिंग देते हैं।
साल 2015 में मोहम्मद सिराज ने रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था। वह 9 मैचों में 41 विकेट लेकर सुर्खियों में आए। अपनी परफॉर्मेंस के बूते मोहम्मद सिराज जल्द ही लोगों की नज़रों में आ गए और फिर सिलेक्टर्स ने भी उन्हें इरानी कप में शामिल किया गया। अब मोहम्मद सिराज को न्यूजीलैंड के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में मौका मिला है। उम्मीद की जा सकती है कि इस मैच में जबरदस्त प्रदर्शन कर सिराज एक बार फिर सबका दिल जीतें।
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