टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रह चुके आकाश चोपड़ा ने अपने उन दिनों को याद किया है जब वो दिल्ली के ही अपने साथी वीरेंद्र सहवाग के साथ टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करने उतरते थे। चोपड़ा के पास जहां मजबूत रक्षात्मक बल्लेबाजी थी तो वहीं दूसरी तरफ सहवाग टेस्ट क्रिकेट में भी तूफानी अंदाज नहीं भूलते थे। हलांकि दूसरी तरफ सहवाग ने अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी नाम कमाया मगर आकाश चोपड़ा घरेलू क्रिकेट में ही एक बड़े खिलाड़ी बनकर रह गए और वो भारत के लिए सिर्फ 10 टेस्ट मैच ही खेल पाए।
इस तरह सहवाग के साथ अपने अनुभवों को शेयर करते हुए गौरव कपूर के साथ '22 यार्न' पोडकास्ट में चोपड़ा ने कहा, "उनकी (सहवाग) ताकत यह है कि वह क्या कर सकते हैं और क्या नहीं उसके प्रति काफी ईमानदार हैं। यहां तक कि जिस तरह से वो बल्लेबाजी करते हैं उसके बाद भी उन्हें याद रहता है कि बाउंसर पर शॉट नहीं मारना है। ये चीज काफी कमाल है।"
चोपड़ा ने आगे कहा, "वह आपको बताएंगे, 'यार बॉल ज्यादा स्विंग हो रहा है, आज मेरा बल्ला नहीं चलेगा, तू वही स्ट्राइक पर रह। इस तरह उन्हें अपनी ताकत और कमजोरी दोनों काफी अच्छे से पता थी। खुद को जानना कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं काफी महत्वपूर्ण होता है। उन्हें पता होता था कि अभी बॉल स्विंग हो रहा है तो वो कहते थे कि अभी छोड़ ना 5 से 6 ओवर निकल जाएंगे उसके बाद आसन हो जाएगा।"
वहीं चोपड़ा को आगे याद आया जब सहवाग ने उनसे कहा था कि अगर टीम इंडिया में रहना है तो बड़ा स्कोर करना पड़ेगा। चोपड़ा ने कहा, "वो (सहवाग) मेरे पास आए और बोले चोपड़ा जी ये 40-40 रन मार रहे हो टीम से ड्राप हो जाओगे। एक बार सेट होने के बाद टीम से बाहर हुए तो वापसी मुश्किल होती है और यही बात वो अपने लिए भी बोलते थे।"
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बता दें वीरेंद्र सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट मैचों में 8586 रन बनाए हैं। इतना ही पाकिस्तान के मुल्तान में तिहरा शतक जड़ने के कारण लोग उन्हें मुल्तान का सुलतान के नाम से भी कहकर बुलाते हैं।
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