अजीत आगरकर ने माना, धोनी और युवराज की जोड़ी ने वनडे क्रिकेट में बदल दिया चेस करने का तरीका
अजीत अगरकर का मानना है कि धोनी और युवराज की जोड़ी ने वनडे क्रिकेट में चेस ( रनों का पीछा ) करने का तरीका बदल दिया।
भारतीय क्रिकेट से एक साल पहले जहां युवराज सिंह ने संन्यास ले लिया था वहीं उनके साथ मध्यक्रम में खेलकर टीम इंडिया को कई एक मैच जिताने वाले पूर्व कैप्टन कुल महेंद्र सिंह धोनी ने भी संन्यास ले लिया है। 15 अगस्त को 74वें स्वतंत्रता दिवस पर जहां सभी आजादी का जश्न मना रहे थे उसी शाम धोनी ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास लेकर सभी को चौका दिया। ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज और धोनी के डेब्यू मैच में खेलने वाले अजीत अगरकर का मानना है कि धोनी और युवराज की जोड़ी ने वनडे क्रिकेट में चेस ( रनों का पीछा ) करने का तरीका बदल दिया।
अगरकर ने कहा, "धोनी और युवराज ने वनडे क्रिकेट में चेस करने का तरीका बदल दिया है। उन्होंने दूसरी पारी में शानदार खेला दिखाया जिन्हें देखकर अन्य टीमें भी टॉस जीतने के बाद चेस करना पसंद करने लगी।"
इतना ही नहीं अगरकर ने धोनी की दो शतकीय पारियों को याद करते हए कहा, "साल 2005 में जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ धोनी के द्वारा खेली गई 183 रनों की नॉट आउट पारी और उसके बाद लाहौर में पाकिस्तान के खिलाफ चेस करते हुए ( साल 2006 ) उनकी पारी आज भी याद है। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट पर 298 रनों का टोटल रखा था, जिस मैच में धोनी तीन नम्बर पर बल्लेबाजी करने उतरे और आसानी से भारत को मैच जिता दिया। जिसके बाद ड्रेसिंग रूम में सभी पागल हो गए थे जब उन्होंने छक्के मारना शुरू किए। जबकि लाहौर में भी पाकिस्तान ने 288 रनों का लक्ष्य रखा था और धोनी (72 नाबाद रन) ने उस मैच को अपने अंदाज में खत्म किया था। इस मैच में उन्होने युवराज के साथ काफी लम्बी साझेदारी निभाई थी।"
आगरकर ने अंत में कहा, "वह एक प्यारा लड़का है जो ड्रेसिंग रूम में सभी के साथ घुल-मिल जाएगा। उन्होंने कहा, 'वह इस तरह से जब भी मिलता है विनम्र होता है।"
बता दें कि धोनी और युवराज की जोड़ी ने एक दशक तक भारतीय वनडे क्रिकेट में अपना दबदबा बनाए रखा। ये दोनों ही खिलाड़ी पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की कप्तानी में निखाकर सामने आए थे और आगे चलकर दोनों ने काफी नाम कमाया। धोनी जहां भारत को आईसीसी की तीनो ट्रॉफी ( 2007 टी20 विश्वकप, 2011 विश्वकप और 2013 चैम्पियंस ट्राफी ) जिताई। वहीं युवराज ने भी टी20 क्रिकेट में 6 गेंदों में 6 छक्के जबकि 2011 के विश्वकप में वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। इस तरह धोनी को ट्रॉफी जिताने में युवराज सिंह का भी काफी योगदान रहा है।