भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे काफी लंबे समय से लिमिटेड ओवर टीम से बाहर चल रहे हैं। रहाणे ने भारत के लिए नीली जर्सी में अपना आखिरी मुकाबला 2018 में खेला था। रहाणे के मुताबिक जब उन्हें टीम से बाहर किया गया तो वनडे क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड शानदार था। उन्हें उम्मीद थी कि वर्ल्ड कप 2019 की टीम उन्हें में चुना जाएगा और वह देश के लिए एक बार फिर नंबर चार की पोजिशन पर खेलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
रहाणे ने गुरुवार को एक वर्चुअल प्रेसवार्ता में कहा "मैं वास्तव में सोच रहा था कि मैं नंबर 4 पर विश्व कप में बल्लेबाजी करूंगा। लेकिन यह अब चला गया है, आप इसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोच सकते। मेरा उद्देश्य एकदिवसीय टीम में वापस आना और सफेद गेंद क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करना है जिसके बारे में मैं बहुत आश्वस्त हूं।"
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उन्होंने कहा "जब विश्व कप हो रहा था तब मैं काउंटी क्रिकेट खेल रहा था। एक खिलाड़ी के रूप में हर कोई विश्व कप टीम का हिस्सा बनना चाहता है, खासकर जब आप जानते हैं कि आपने वास्तव में कड़ी मेहनत की है और आपका पिछला रिकॉर्ड अच्छा है।"
रहाणे ने कहा कि वह उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करते हैं जिन्हें वह अभी के लिए नियंत्रित कर सकते हैं। आईपीएल के आगामी संस्करण में वह दिल्ली कैपिटल के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं।
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रहाणे ने कहा "मुझे उम्मीद है कि मैं सफेद गेंद वाले क्रिकेट में वापसी करूंगा। अगर आप वनडे क्रिकेट में मुझे ड्रॉप करने से पहले के रिकॉर्ड को देखते हैं, तो यह वास्तव में अच्छा था। लोग स्ट्राइक रेट और औसत के बारे में बात करते हैं, लेकिन 50-ओवर के क्रिकेट में ड्रॉप करने से पहले मेरा रिकॉर्ड अच्छा था।"
रहाणे ने अपना आखिरी वनडे मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में 16 फरवरी 2018 में खेला था। उस सीरीज में वह भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में चौथा स्थान पर थे। अगर रहाणे कि आखिरी 10 इनिंग की बात करें तो उन्होंने क्रमश: 34*, 8, 8, 11, 79, 61, 53, 70, 55 और 5 रन बनाए थे।
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बता दें, वर्ल्ड कप 2019 में भारत के लिए नंबर चार पर खेलने के लिए प्रबल दावेदार अंबाति रायुडू को माना जा रहा था। वह भारत के लिए लगातार इस पोजिशन पर बल्लेबाजी भी कर रहे थे, लेकिन अंत में चयनकर्ताओं ने उन्हें वर्ल्ड कप टीम से बाहर कर विजय शंकर को खिलाने का फैसला किया। चयनकर्ताओं ने शंकर को 3डी खिलाड़ी बताया। उनके अनुसार वह बैटिंग और फील्डिंग के साथ गेंदबाजी में भी अपना योगदान दे सकते थे।
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