नई दिल्ली। अजिंक्य रहाणे के अंदर युवा खिलाड़ियों के साथ एक कमजोर भारतीय टीम का नेतृत्व करने की क्षमता है, जिसके दम पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती है और अब उनके इस प्रदर्शन से नियमित कप्तान विराट कोहली पर फिर से खुद को कप्तान के रूप में सफल होने का दबाव बढ़ गया है।
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कोहली आस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट के बाद अंतिम तीन टेस्ट मैचों में नहीं खेले थे और अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट आए थे। कोहली जब कप्तान थे तो पहले टेस्ट में भारत 36 रन पर ढेर हो गया था।
उनके बाद रहाणे ने टीम की कमान संभाली थी और दूसरे टेस्ट में भारत को आठ विकेट से जीत दिलाई थी। इसके बाद सिडनी में मैच ड्रॉ रहा था और ब्रिस्बेन में भारत ने तीन विकेट से ऐतिहासिक जीत के साथ सीरीज 2-1 से जीत ली थी।
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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि भारत रहाणे की कप्तानी में बेहतर प्रदर्शन करेगा जबकि कोहली पूरी तरह से एक बल्लेबाज है। वॉन को लगता है कि रहाणे चतुराई से एक अच्छे कप्तान हैं।
वॉन ने ट्वीट कर कहा, " मुझे लगता है कि बीसीसीआई निश्विचत रूप से रहाणे को कप्तानी देने पर विचार करेगा। कोहली केवल एक बल्लेबाज के रूप में भारत को मजबूत बनाएगा और रहाणे के पास अविश्वसनीय उपस्थिति और रणनीति है।"
भारत के पूर्व कप्तान और शीर्ष बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने रहाणे के शानदार स्वभाव की तारीफ की है।
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वेंगसरकर ने आईएएनएस से कहा, "वह शांत हैं। उन्होंने मेलबर्न में शतक लगाया जब भारत संकट में था और उस प्रदर्शन ने मनोबल बढ़ाने वाला काम किया। अन्य बल्लेबाजों ने भी बेहतरीन काम किया। ऑस्ट्रेलिया एक शानदार टीम है।"
उन्होंने कहा, " उनकी गेंदबाजी में बदलाव, फील्ड प्लेसमेंट भी प्रभावशाली थी। बल्लेबाजों को आउट करने की उनकी योजना थी। टीम में से आधी टीम के गाबा में चयन के लिए अनुपलब्ध रहने के बावजूद उन्होंने अच्छी तरह से नेतृत्व किया।"
कोहली की कप्तानी में ही भारत ने 2018-19 में पहली बार आस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती थी।
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