EXCLUSIVE| एडिलेड टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद सौरव गांगुली ने भारतीय बल्लेबाजों को लगाई लताड़
सौरव गांगुली ने इंडिया टीवी के शो 'क्रिकेट की बात' पर कहा "जो पहले दिन का टेस्ट मैच का बैटिंग, स्पेशली ओवरसीज कंडीशन्स में होना चाहिए वो शॉर्ट सिलेक्शन भारत के लिए नहीं हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चार टेस्ट मैच की सीरीज का आगाज आज एडिलेड टेस्ट से हुआ। इस टेस्ट मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी भारतीय बल्लेबाज विदेशी धरती पर कुछ कमाल ना दिखा सके। इस बार तो भारतीय कप्तान विराट कोहली भी फेल साबित हुए। चेतेश्वर पुजारा (123) के अलावा टीम का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं बना पाया। भारतीय बल्लेबाजों द्वारा इस खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय पूर्व कप्तान और इंडिया टीवी के एक्सपर्ट सौरव गांगुली ने टीम के बल्लेबाजों को खूब लताड़ा।
सौरव गांगुली ने इंडिया टीवी के शो 'क्रिकेट की बात' पर कहा "जो पहले दिन का टेस्ट मैच का बैटिंग, स्पेशली ओवरसीज कंडीशन्स में होना चाहिए वो शॉर्ट सिलेक्शन भारत के लिए नहीं हुआ है। बहुत ज्यादा ड्राइव्स मारते हैं भारतीय बल्लेबाज शुरु में, नए बॉल में, ऐसे पिचिस में। आपने देखा केएल राहुल आउट हुआ, मुरली विजय आउ हुए, विराट कोहली आउट हुए और सबसे खराब डिसमिसल अजिंक्य रहाणे का था क्योंकि उन्होंने बहुत दूर का बॉल खेला है।"
इसी के साथ गांगुली ने रोहित शर्मा के बारे में बात करते हुए कहा कि "जब रोहित सेट हो चुके थे, 37 रन बना चुके थे। स्पेशली जब बॉल जब पुराना हुआ और उस समय स्पिनर्स गेंदबाजी कर रहे थे ऐसे में रोहित को विकेट थ्रो करके आना नहीं चाहिए था। रोहित शर्मा के लिए यह सीरीज बहुत महत्वपूर्ण है। हर खिलाड़ी की लाइफ में एक मेक और ब्रेक समय आता है। यह शायद रोहित शर्मा के लिए वही समय है।" इसी के साथ सौरव गांगूली ने बल्लेबाजों को शुरुआत में ड्राइव ना लगाने की सलाह भी दी।
शो के दौरान दादा ने चेतेश्वर पुजारा के बारे में बात करते हुए कहा "शुरु-शुरु में जब सुबह चेतेश्वर पुजारा बल्लेबाजी करने आए थे तब उन्होंने 11 रन बनाने के लिए 70 गेंदें खेली थी। टेस्ट क्रिकेट ऐसी ही होता है, सुबह का सेशन में जब बॉल नई होती है तो आपको गेंदबाज को रिस्पेक्ट देना बहुत जरूरी है। लंच के बाद मैच बिल्कुल अलग हो जाता है तब चेतेश्वर पुजारा ने शॉट खेले हैं। पुजारा ने बिल्कुल टेस्ट क्रिकेट वाली बैटिंग की है और बाकी जो खिलाड़ी है उनको पुजारा से सीखना पड़ेगा। सबसे अहम बात उन्हें यह सीखनी पड़ेगी कि टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के सामने इतनी जल्दी ड्राइव ना मारे जैसे पुजारा ने किया। पुजारा ने शॉट बाल का इंतजार किया, स्क्वायर ऑफ द विकेट खेला जो ऑस्ट्रेलिया में आसान होता है। एक गेम प्लान था पुजारा के पास कि मैं इस तरीके से रन बनाऊंगा इस सीरीज में और आज वो सफल भी हुए।"
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