अमेरिका इन दिनों नस्लीय भेदभाव की एक घटना की वजह से पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। अमेरिका के मिनीपोलिस में 25 मई को अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड के गले को पुलिस अधिकारी द्वारा घुटने से दबाने के कारण मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से अमेरिका के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
नस्लीय भेदभाव की इस घटना पर खेल जगत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने भी अपना विरोध प्रकट किया है। लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि भारत के एक क्रिकेटर भी नस्लीय टिप्पणियों का सामना कर चुके हैं। ये खिलाड़ी है अभिनव मुकुंद जिन्होंने साल 2017 में ट्विटर पर नस्लीय भेदभाव के मुद्दे को उठाया था।
अब अभिनव मुकुंद के इस पुराने ट्वीट को भारत के पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने शेयर कर इस गंभीर मद्दे पर अपनी राय रखी है। गणेश ने ट्विटर पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि उन्हें भी क्रिकेट के मैदान पर कई बार नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था।
गणेश ने ट्विटर पर कहा, "अभिनव मुकुंद की कहानी ने मुझे उन नस्लीय टिप्पणियों की याद दिला दी, जिनका मैंने मेरे खेल के दिनों में सामना किया था। सिर्फ एक भारतीय दिग्गज इसका गवाह था। इसने मुझे मजबूत बनाया और भारत और कर्नाटक की तरफ से 100 मैच खेलने से नहीं रोक पाया।"
बता दे, मुकुंद ने 9 अगस्त 2017 को ट्विटर पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, " मैं अपनी त्वचा के रंग को लेकर बरसों से अपमान झेलते हुए आया हूं। गोरा रंग ही लवली या हैंडसम नहीं होता। जो भी आपका रंग है, उससे सहज रहकर काम करें। बचपन से ही त्वचा के रंग को लेकर लोगों का रवैया हैरानी का सबब रहा।" उन्होंने आगे लिखा था, "जो क्रिकेट देखता है, वह समझता होगा। चिलचिलाती धूप में खेलने का कोई मलाल नहीं है कि रंग कम हो गया है। मैं वो कर रहा हूं, जिससे मुझे प्यार है।"
गौरतलब है कि अभिनव मुकुंद भारत की ओर से 7 टेस्ट मैचों में 22.85 की औसत से 320 रन बना चुके हैं। उन्होंने भारत की ओर से 2017 में आखिरी टेस्ट मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था।
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