नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई को एस श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध पर पुनर्विचार का आदेश दिया है जिसके बाद एस श्रीसंत ने कहा कि अगर लिएंडर पेस 42 साल की उम्र में ग्रैंडस्लैम जीत सकते हैं तो वह कम से कम 36 वर्ष में कुछ क्रिकेट खेल सकते हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति श्रीसंत को दी जाने वाली सजा की अवधि पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार कर सकती है।
श्रीसंत के साथ मुंबई के स्पिनर अंकित चव्हाण और हरियाणा के अजीत चंदिला को 2013 में बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद श्रीसंत ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी।
उच्चतम न्यायालय द्वारा शुक्रवार को पक्ष में आये फैसले के बाद श्रीसंत ने राहत की सांस ली और कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि इतने वर्षों बाद जिंदगी में आगे क्या होगा। छह साल हो चुके हैं और मैंने क्रिकेट नहीं खेला है जो मेरी जिंदगी थी। ’’
श्रीसंत 2007 विश्व टी20 और 2011 वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि बीसीसीआई देश की उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनाये गये फैसले का सम्मान कर मुझे कम से कम क्रिकेट मैदान पर वापसी की अनुमति दे। उम्मीद करता हूं कि अब कम से कम मैं स्कूल के क्रिकेट मैदान पर चल सकता हूं और वहां ट्रेनिंग कर सकता और कोई मुझे यह नहीं कहेगा कि मुझे इसकी अनुमति नहीं है। मैं उतना क्रिकेट खेलना चाहता हूं, जितना खेल सकता हूं। ’’
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