OMG! 84 साल की उम्र के हैं ये फ़ास्ट बॉलर है, बल्लेबाज़ों खाते हैं ख़ौफ़
क्रिकेट में औसतन एक खिलाड़ी 35 साल की उम्र तक ही खेल पाता है और फिर रिटायर हो जाता है. लेकिन जमैका के पूर्व फ़ास्ट बॉलर सेसिल राइट एक अपवाद हैं. राइट की उम्र 84 हो चुकी है लेकिन वह आज भी क्रिकेट खेलते हैं
ज़्यादातर खेलों में उम्र् की बड़ी एहमियत होती है क्योंकि खेलने के लिए दमख़म की ज़रुरत होती है. क्रिकेट में औसतन एक खिलाड़ी 35 साल की उम्र तक ही खेल पाता है और फिर रिटायर हो जाता है. लेकिन जमैका के पूर्व फ़ास्ट बॉलर सेसिल राइट एक अपवाद हैं. राइट की उम्र 84 हो चुकी है लेकिन वह आज भी क्रिकेट खेलते हैं और फिलहाल उनका क्रिकेट छोड़ने का कोई इरादा नही है. राइट तेज़ गेंदबाज़ हैं और भले ही रफ़्तार धीमी पड़ गई हो लेकिन आज भी बल्लेबाज़ उनसे ख़ौफ़ खाते हैं.
राइट 1959 में बारबाडोस के ख़िलाफ़ पहली बार जमैका की टीम के लिए खेले थे. तब बारबाडोस में वेस हॉल और सर गारफ़ील्ड सोबर्स जैसे वेस्ट इंडीज़ के महान क्रिकेटर्स थे. राइट ने अपने लंबे करिअर में सात हज़ार से ज़्यादा विकेट लिए हैं. 1959 में वह एक पेशेवर क्रिकेटर के रुप में इंग्लैंड खेलने गए थे.
उम्र का मानों राइट पर कोई असर ही नहीं होता. उनका कहना है: “मैं अभी भी फ़िट मेहसूस करता हूं और क्रिकेट को लेकर मेरा जुनून ठंडा नही पड़ा है. मुझे बहुत अच्छा मेहसूस होता है और लगता है कि मैं अभी भी मुक़ाबला कर सकता हूं, मैं अभी भी बल्लेबाज़ों को आउट कर सकता हूं. मैं अभी भी इन युवा खिलाड़ियों को काफी कुछ सिखा सकता हूं.''
राइट का कहना है: “एक बार आप फ़ास्ट बॉलर बन गए तो हमेशा फ़ास्ट बॉलर रहेंगे. ठीक है कि मेरी रफ़्तार कम हो गई है लेकिन मैं अभी भी बल्लेबाज़ों को परेशान कर सकता हूं. भले ही मैं उनके दादा की उम्र का हो गया हूं लेकिन उन्हें मेरे ख़िलाफ़ रन बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी. मैं तो बस खेलता रहूंगा और विकेट लेता रहूंगा बशर्ते मुझे टीम में लिया जाए.”
राइट विव रिचर्डस, फ़्रेंक वॉरेल और जोएल गार्नर जैसे महान क्रिकेटर्स के साथ खेल चुके हैं. ये पूछे जाने पर कि इस उम्र में भी खेलना का ुनका क्या राज़ है, राइट ने कहा: “ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता, काश मालूम होता.''
उन्होंने बताया कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ने के बारे में पहले कई बार सोचा था लेकिन छोड़ नहीं सका. मैं इतने सालों से क्रिकेट खेला हूं और जितना हो सकता है उतना खेलना चाहूंगा. “मैं टीवी के सामने बैठने की बजाय खेलना पसंद करुंगा. मुझे पता चल जाएगा कब खेलना चोढ़ना है, मेरा शरीर मुझे बता देगा.