Wearing black clothes psychology: रंगों का हमारे जीवन में एक अलग ही महत्व है। हर रंग अपने साथ कुछ विचार, सोच और एनर्जी लाते हैं। ऐसा ही कुछ काले रंग के साथ भी है। दरअसल, आपने देखा होगा कि कुछ लोग लगातार काले रंग के कपड़े पहनना पसंद करते हैं। साथ ही उनकी कई चीजों का रंग भी ब्लैक होता है। ऐसे में साइकोलॉजी इसे अलग ही ढंग से देखती है। तो, शास्त्रों में इस तरह के लोगों के लिए कुछ अलग ही सुझाव दिए गए हैं। आइए हम आपको बताते हैं।
शास्त्रों में काले रंग के कपड़े अशुभ के प्रतीक हैं
शास्त्रों में काले रंग के कपड़ों को नेगेटिविटी से जोड़ कर देखा जाता है। माना जाता है कि ऐसे लोगों में काफी नेगेटिव एनर्जी होती है जो कि आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है। दरअसल, काला रंग अपने आस-पास की अच्छाई और बुराई दोनों को समेट लेता है और इसे अपने अंदर जमा करने लगता है। साथ ही ये राहु और शनि को बढ़ावा देता है जिससे आप मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं। साथ ही ऐसे लोगों की लाइफ में संघर्ष बढ़ सकता है, अकेलापन आ सकता है और डिप्रेशन जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। अंदर से ये लोग काफी बेचैन होते हैं लेकिन बाहर से सब छिपा ले जाते हैं।
साइकोलॉजी क्या कहती है?
काले रंग को लेकर सदगुरु (isha.sadhguru.org) काफी कुछ बताते हैं। उनका मानना है कि काला पहनने का मतलब है पहले खुद को सबसे पॉवरफुल दिखाना चाहते हैं जिसे कोई चाह कर भी नजरअंदाज ना करे। साथ ही ये बताता है कि ऐसा व्यक्ति मन से शांत नहीं है और वो लगातार खुद को पॉवरफुल बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। इसके लिए वो कई एनर्जी बटोर रहा है, चाहे वो अच्छा हो या बुरा। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि ये रंग अपने साथ शक्ति, औपचारिकता, बुराई, मृत्यु, शोक, नीरसता, भारीपन, अवसाद और विद्रोह जैसे भावों को लाता है। इससे असंतुलन पैदा होती और शांति का विनाश होता है।
इसलिए हमें अपने जीवन में काले रंग को अपनाने से बचना चाहिए। अगर आपको डार्क कलर्स पसंद भी हैं तो, नीले रंग का चुनाव करें पर खालिस काले रंग के कपड़ों को पहनने से बचें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।