Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए विभिन्न रंगों के महत्व के बारे में। विभिन्न रंग अलग-अलग चीज़ों के प्रतीक हैं, साथ ही उनके अलग-अलग प्रयोग भी हैं। इसलिए आज मैं आपको उन अलग-अलग रंगों के बारे में बताएंगे ताकि आप सही काम के लिए और सही जगह के लिए सही रंग का चुनाव कर सकें। सबसे पहले बात करते हैं पीले रंग की, पीला रंग गुरुत्व का प्रतीक है। यह बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है और गठिया रोग में भी यह रंग लाभप्रद है। वहीं हरा रंग शांत प्रवृत्ति और खुशहाली का प्रतीक है। यह रंग हृदय रोग में भी सहायक है।
लाल रंग की बात करें तो यह एक उत्तेजक रंग है और लो ब्लैड प्रेशर को ठीक रखने में सहायक है। जबकि गुलाबी रंग शारीरिक कष्टों को कम करता है। कमजोरी और कब्ज में इस रंग को सहायक माना गया है नीला रंग आत्मिक शांति का प्रतीक है। अस्थमा, सिरदर्द, तनाव व हाईब्लड प्रेशर में भी यह सहायक है।
बैंगनी रंग उदासीनता को कम करता है, जबकि काला रंग अकेलेपन को बढ़ाता है। वास्तु शास्त्र में अधिकतर इस रंग को अवॉयड ही किया जाता है।सफेद रंग की बात करें तो यह शांति, सादगी और पवित्रता का प्रतीक है। नारंगी रंग महत्वाकांक्षाओं स्वाभिमान में वृद्धि करता है जबकि भूरा रंग निष्पक्षता को दर्शाता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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