Vastu Tips: 26 सितंबर यानी आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है। इन नौ दिन आप माता की सच्चे मन से पूजा अर्चना कर अपने घर से वास्तु दोष को खत्म कर सकते हैं। मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में पूजा-पाठ से जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं। नवरात्र के इन नौ दिनों में दुर्गा मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इसीलिए वास्तु शास्त्र में आज हम आपको कुछ ऐसे ही विधि-विधान के बारे में बता रहे हैं।
घट स्थापना की दिशा
नवरात्र के हर दिन का एक अलग महत्व होता है और आज नवरात्र के पहले दिन देवी मां की घट स्थापना की जाती है। इसलिए आज हम आपको वास्तु शास्त्र के अनुसार घट स्थापना के बारे में बतायेंगे। ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है। इसलिए माता की प्रतिमा और घट की स्थापना इसी दिशा में करना शुभ होता है।
चंदन की लकड़ी के पाट पर माता को करें विराजमान
माता की मूर्ति की स्थापना के लिये चंदन की लकड़ी से बना पाट सबसे अच्छा होता है। क्योंकि वास्तु शास्त्र में चंदन को शुभ और सकारात्मक उर्जा का केंद्र माना गया है। इससे विभिन्न प्रकार के वास्तु सम्बन्धी समस्यायों का समाधान होता है, लेकिन ध्यान रहे कि घट स्थापना स्थल के आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए। जो लोग नवरात्र में अपने घर की छत पर ध्वजा स्थापना करते हैं, उन्हें उत्तर-पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि में मां दुर्गा के इन 9 रूपों की होती है पूजा, जानिए हर रूप की खास पूजा विधि
Shardiya Navratri 2022: मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती को करना है प्रसन्न, नवरात्रि में जरूर अपनाएं ये खास नियम
Vastu Tips: इस दिशा में तिजोरी रखने से पैसे और आयु दोनों होंगे कम, जानिए वास्तु का सबसे जरूरी नियम
Vastu Tips: घर में भगवान की मूर्ति को गलत तरीके से रखना पड़ सकता है भारी, छिन सकता है पूरा धन
Vastu Tips: हर जगह मिलेगी सफलता और चारों ओर से आएगा पैसा, बस घर में रखनी होगी ये छोटी सी चीज