Vastu Tips: हवन किस दिशा में और कैसे बैठकर करना चाहिए? यहां जानिए क्या है सही नियम
Vastu Tips: आज चैत्र नवरात्रि का नौंवा दिन है। इसे महावनमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घरों में हवन करने का विधान है। ऐसे में आज वास्तु शास्त्र में जानेंगे हवन के बारे में।
Vastu Tips: नवरात्र स्पेशल वास्तु शास्त्र में आज हम चर्चा करेंगे हवन की दिशा के बारे में। शास्त्रों में नवरात्र के दौरान नवमी तिथि को हवन करने की बात कही गई है और आज नवमी तिथि है। आपको बता दें कि देवी अष्टगंध के अलावा जौ, गुग्गुल, तिल इत्यादि से यज्ञ करने से उत्पन्न धुएं से न केवल व्यक्ति के दिमाग का माइंड एंड बॉडी को-ऑर्डिनेशन ठीक होता है, बल्कि घर के वास्तु में और घर की कलेक्टिव बायोक्लॉक में बड़े ही पॉजिटिव बदलाव आते हैं।
हवन किस दिशा में करना चाहिए?
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के बीच बहने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगों के बीच बसे हमारे घर में अग्नि कोण, हवन के लिए सबसे अच्छा होता है। घर के अग्नि कोण, यानि दक्षिण-पूर्व का कोना, यानि घर का वो हिस्सा जहां दक्षिण और पूर्व दिशायें मिलती हों, वहां बैठकर हवन करना सबसे अच्छा होता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सही दिशा में किया गया हवन सही परिणाम देता है और उससे वास्तु संबंधी समस्या शांत होते हैं। हवन करने वाले व्यक्ति को भी दक्षिण-पूर्व में मुंह करके बैठना चाहिए। वास्तु शास्त्र में ये थी चर्चा हवन की दिशा के बारे में। उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स को अपनाकर जरूर लाभ उठाएंगे।
हवन के लाभ
धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से हवन के फायदे के बारे में बताया गया है। हवन से देवता प्रसन्न होते हैं, पूजा सफल होती है और ग्रह दोष दूर होते हैं। हवन से जो धुंआ निकलता है उससे वातावरण शुद्ध होता है। वहीं हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे कपूर, लौंग, आम की लकड़ी, घी, अक्षत, गोबर के कंडे आदि से हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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