Vastu Tips: नवरात्र में सप्तमी का दिन माता कालरात्रि से जुड़ा होता है। मां कालरात्रि का संबंध निगेटिविटी के विनाश से समझा जाता है। तो आज हम वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से ये समझेंगे कि कौनसी स्थिति में घर में निगेटिव एनर्जी का प्रवेश और वास हो सकता है। क्या करने से निगेटिविटी आएगी और क्या करने से निगेटिविटी जाएगी।
तो सबसे पहले ये समझ लेना चाहिए की दिशाओं के शत्रुतापूर्ण तत्व (Enimical elements) की स्थापना से, घर के वास्तु में तत्वों का संतुलन बिगड़ता है। उदाहरण के लिए – आग की दिशा में पानी , पानी की दिशा में चूल्हा, लड़की की जगह धातु और धातु की जगह अग्नि की स्थापना से जीवन का जोश समाप्त हो जाता है। आयु को संकट होता है, तरह-तरह के भय व्याप्त हो जाते है, हर्ष नष्ट हो जाता है और मुख मंडल म्लान हो जाता है।
इसी तरह दक्षिण-पश्चिम दिशा होने से entry of evil होती है और उत्तर-पूर्व में गंदगी रखने से जीवन में अवरोध उत्पन्न होते है। यदि आपके घर में भी कुछ ऐसा है, जो ठीक नहीं कराया जा सकता तो मां कालरात्रि की शरण लीजिए- 'जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणि। जय सार्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥'
वास्तु शास्त्र में ये थी चर्चा की किस स्थिति में घर में निगेटिविटी का प्रवेश होता और किस स्थिति में निगेटिविटी घर से बाहर जाती है। उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स को अपनाकर जरूर लाभ उठाएंगे।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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