Vastu Tips: वास्तु शास्त्र की परंपरा सदियों पुरानी है। प्राचीन समय में जब भी कहीं राजभवनों या घरों का निर्माण होता था। तो सबसे पहले वास्तु के नियमों को ध्यान में रखा जाता था। आज भी ज्यादातर लोग वास्तु के अनुसार अपने भवनों का निर्माण करवाते हैं। लेकिन कहीं न कहीं उसमें कोई कमी रह जाती है, जिस कारण घर में निगेटिविटि पैदा होने लगती है। घर के वास्तु में जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है, वह सही चीज का सही दिशा में होना। तो आज हम वास्तु शास्त्र के अनुसार यह बात जानेंगे कि घर में किचन किस दिशा में होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार रसोई की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का किचन हमेशा अग्नि कोण में होना चाहिए, यानी पूर्व-दक्षिण दिशा में। किचन में खाना बनाने के लिए अग्नि का प्रयोग होता है। जिसकी सही दिशा अग्नि कोण है। माना जाता है कि इस दिशा में खाना बनाने से घर में सुख-समृद्धि आति है। वास्तु दोष नहीं लगता है और घर में अन्न का भंडार भरा रहता है। ऐसे घर के सदस्य सदा सुखी रहते हैं।
वास्तु के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान
- किचन के वास्तु में मुख्य तौर पर चूल्हा अग्नि कोण की दिशा में होना चाहिए, क्योंकि वह अग्नि देव की सर्वश्रेष्ठ दिशा मानी गई है।
- किचन में पानी का नल ईशान कोण में होना चाहिए। यानी उत्तर-पूर्व दिशा में यह जल के देवता वरुण देव का स्थान भी माना जाता है।
- वास्तु के अनुसार किचन में लगी खिड़की पूर्व दिशा में होनी चाहिए और किचन का चूल्हा खिड़की के बाहर की तरफ नहीं दिखना चाहिए।
- बात करें रंग कि, तो माना जाता है कि किचन में रंग का उतना ही महत्व है जितनी दिशा का होता है। वास्तु के अनुसार घर की रसोई में पीला रंग, हल्का लाल रंग या गुलाबी रंग करवाना चाहिए। क्योंकि यह अग्नि देव से संबंधित रंग हैं। घर की रसोई में कभी भी काला या नीला और डार्क शेड रंग नहीं करवाना चाहिए। ऐसा करना अशुभता को दर्शाता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में किचन से कभी भी सटा हुआ बाथरूम नहीं होना चाहिए। जहां ऐसा होता है, तो उस घर में परिवार के सदस्य रोग से घिरे रहते हैं।
- रसोई घर में भोजन बनाएं, तो रोटी का पहला हिस्सा गाय को सबसे पहले खिलाएं। माना जाता है इससे घर में अन्न की बरकत होती है।
- वास्तु के अनुसार यदि रसोई घर सही दिशा में नहीं बना है और उसे फिर से दिशा अनुसार नहीं बनाया जा सकता। तो वहां एक तुलसी का पौधा गमले में लेकर रख दें। ऐसा करने से वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
Garun Puran: आखिर कैसी है यमलोक के मार्ग में पड़ने वाली वैतरणी नदी, बीच में इन यातनाओं से गुजरना पड़ता है
Chhath Puja 2023: व्रत करने वाले भी बहुत कम लोग ही जानते हैं, महाभारत से जुड़ा है छठ पूजा का इतिहास