A
Hindi News धर्म वास्तु टिप्स Vastu Tips: घर में भूलकर भी न रखें लोहे या प्लास्टिक का पिरामिड, होता है वास्तु दोष

Vastu Tips: घर में भूलकर भी न रखें लोहे या प्लास्टिक का पिरामिड, होता है वास्तु दोष

Vastu Tips: मशहूर ज्योतिषी आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए घर में किस धातु का पिरामिड रखना शुभ होता है और वो कौन सी धातु है जिससे बना पिरामिड भूलकर भी घर में नहीं रखना चाहिए।

Vastu Tips- India TV Hindi Image Source : PIXABAY Vastu Tips

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है, अगर वास्तु के अनुसार घर में चीजें न रखी गई हों तो मनुष्य के जीवन में उसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे घर में पिरामिड रखकर कैसे आप वास्तु दोषों से छुटकारा पा सकते हैं।

यदि आपके घर के भूखंड की भुजाएं मुख्य दिशाओं के समानांतर नहीं है तो ऐसे भूखंड को दिक्दोष वाला भूखंड कहते हैं. दिक्दोष के अलावा अगर आपके भूखंड में आकार संबंधी कोई भी दोष है तो इन भूखंड के मध्य में 9, 36, 54 या 81 पिरामिड भूखंड के आकार के हिसाब से दबवाएं। ऐसा करने से आप इन दोषों से छुटकारा पाने में समर्थ होंगे। इसके अलावा वीथी शूल दोष होने पर भूखंड की उस दिशा में 9 पिरामिड लगाएं जहां पर वीथी शूल हो रहा है। 

यदि भूखंड के समीप से निकले वाले मार्ग भूखंड पर एक तीर की तरह आकृति बनाते हैं तो यह वीथी शूल दोष कहलाता है।

किस धातु का पिरामिड रखना होता है शुभ

घर में चांदी, पीतल या तांबे का पिरामिड रखना बहुत शुभ होता है, लेकिन अगर आप इतना महंगा पिरामिड नहीं खरीद सकते हैं तो लकड़ी का बना पिरामिड भी ले सकते हैं। लेकिन इस बात का आपको ध्यान रखना है कि घर में कभी भी लोहे, एल्यूमिनियम या प्लास्टिक का पिरामिड नहीं रखना चाहिए, इससे फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

ये भी पढ़ें-

Chandra Grahan 2022: चंद्रग्रहण से इतने घंटे पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल, इन बातों का रखें खास ध्यान

Chandra Grahan 2022: इन दो राशियों के लिए खुशखबरी लेकर आएगा चंद्रग्रहण, बुरे प्रभाव से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

इस गुफा में है 33 कोटि देवी देवताओं का वास, यहां जानिए 5 प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के बारे में