Pukhraj Gemstone: ये रत्न धारण करते ही बदल जाती है इन 4 राशियों की किस्मत, मिलता है फायदा ही फायदा
Pukhraj Gemstone: आइए जानते हैं वो कौन सी 2 राशियां हैं जिनके लिए पुखराज पहनना शुभ माना जाता है।
Pukhraj Gemstone: ज्योतिष शास्त्र की मानें तो रत्नों का व्यक्ति के जीवन में काफी महत्व होता है। उनके अनुसार, रत्नों को धारण करके ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। इन्हीं रत्नों में से एक आज हम पुखराज के बारे में बात करेंगे, जिसे येलो सफायर के नाम से भी जाना जाता है। यह बृहस्पति ग्रह का रत्न माना गया है और गुरु बृहस्पति ज्ञान, भाग्य, समृद्धि और खुशी प्रदान करने वाले देव माने गए हैं। वहीं शास्त्रों की मानें तो यदि आप किसी कारण पुखराज नहीं खरीद पाते हैं तो इसका उपरत्न टोपाज भी पहन सकते हैं। यह भी काफी कारगर और लाभदायी माना गया है। खासतौर पर ये रत्न उन लोगों को पहनना चाहिए जिनके विवाह में देरी हो रही या बाधाएं आती रहती हैं।
ज्योतिष के अनुसार, पुखराज धारण करने से आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है। लेकिन इन 2 राशियों के जातकों के लिए इस रत्न का धारण करना बेहद शुभ माना गया है। हालांकि वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुंभ राशि और लग्न वाले लोगों को पुखराज रत्न पहनने से बचना चाहिए। अगर फिर भी आप इसे धारण कर रहे हैं तो एक बार ज्योतिष की सलाह जरूर ले लें। ऐसे में आइए जानते हैं वो कौन सी 2 राशियां हैं जिसे पहनना शुभ माना जाता है। साथ ही जानिए इस रत्न को धारण करने का सही तरीका।
इन 2 राशियों के लिए शुभ है पुखराज
धनु राशि वालों के लिए
कहा जाता है धनु राशि वाले स्वभाव से मेहनती और साहसी होते हैं। वो किसी भी काम को बड़े ही ऊर्जा के साथ करते हैं। लेकिन कई बार इनके अधिक जोश के चलते उनके कुछ काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं। तो ऐसे में ज्योतिष इन लोगों को पुखराज पहनने की सलाह देते हैं।
मीन राशि वालों के लिए
ज्योतिष के अनुसार, मीन राशि वाले स्वभाव से काफी आध्यामिक होते हैं। मीन राशि वाले लोगों को पुखराज तनाव कम करने में मदद करता है। साथ ही यह दिमाग और मन को भी शांत रखता है। अगर मीन राशि वाले बिजनसमैन पुखराज पहनते हैं तो उन्हें व्यापार को आगे बढ़ाने और नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलती है।
कब और कैसे करें धारण?
ज्योतिष कि मानें तो पुखराज धारण करने का सबसे शुभ दिन एकादशी या फिर गुरुवार होता है। इसको सोने की अंगूठी में इस तरह से जड़वाएं कि यह पहनने पर पीछे से आपकी त्वचा को स्पर्श करें। उसके बाद गुरुवार को सुबह स्नान करने के बाद इस अंगूठी को दूध और गंगाजल में डालकर इसको शहद से स्नान करवाएं। उसके बाद इसे साफ पानी से धोने के बाद अपनी तर्जनी उंगली (Index Finger) में पहन लें। अंगूठी को पहनते समय इस मंत्र का जप करें। मंत्र है - 'ऊं ब्रह्म ब्र्हस्पतिये नम'
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
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