Chandra Grahan 2022: कार्तिक पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान सभी तरह के धार्मिक काम, पूजा पाठ, अनुष्ठान बंद रहेगा। सूतक काल में मंदिर के द्वार भी बंद रखे जाते हैं। इतना ही नहीं इस समय कुछ खाना पीना भी नहीं चाहिए। सूतक काल शुरू होने से पहले घर में सभी पानी के बर्तनों और खानों में तुलसी का पत्ता रख देना चाहिए। तुलसी किसी भी चीज पर सूतक का प्रभाव नहीं लगने देती हैं।
चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रदेव के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। इससे आसपास नकरात्मकता नहीं रहती है। इसके अलावा ग्रहण के समय अपने कुल और ईष्ट देव का ध्यान करें। साथ ही विश्वेदेवों का ध्यान करना चाहिए। बता दें कि विश्वेदेवो में दस देवता सम्मिलित हैं- इनमें इन्द्र, अग्नि, सोम, त्वष्ट्रा, रुद्र, पूखन्, विष्णु, अश्विनी, मित्रावरूण और अंगीरस शामिल हैं। चंद्रग्रहण के समय इन सबका मंत्रों के साथ ध्यान करना चाहिए।
- ऊँ इन्द्राय नमः
- ऊँ अग्नये नमः
- ऊँ सोमाय नमः
- ऊँ त्वष्ट्राय नमः
- ऊँ रुद्राय नमः
- ऊँ पूखनाय नमः
- ऊँ विष्णुवे नमः
- ऊँ अश्विनीये नमः
- ऊँ मित्रावरूणाय नमः
- ऊँ अंगीरसाय नमः
चंद्रदेव मंत्र
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:
- ‘ऊँ ऐं ह्रीं सोमाय नमः
इन मंत्रों के जाप के साथ ही ग्रहण के सूतक के दौरान थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा, हो सके तो सफेद रंग का कपड़ा निकालकर अलग रख दें। इसके बाद जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब उस कपड़े और अनाज को सम्मान के साथ किसी जरूरतमंद को दान कर दें । इससे आपको चंद्रदेव के शुभ फल प्राप्त होंगे।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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