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Hindi News धर्म वास्तु टिप्स Mangalwar Upay: मंगलवार के दिन अपनाएं ये उपाय, बजरंगबली हर परेशानी से दिलाएंगे मुक्ति

Mangalwar Upay: मंगलवार के दिन अपनाएं ये उपाय, बजरंगबली हर परेशानी से दिलाएंगे मुक्ति

Mangalwar Upay: हिंदू धर्म में हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना गया है। इन्हें कई और नामों से जाना जाता है। जैसे कि रामभक्त हनुमान, बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनी पुत्र। मंगलवार को विशेष पूजा करने से पवनपुत्र भक्तों के सभी संकट को हर लेते हैं।

Lord Hanuman- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Lord Hanuman

Tuesday Hanuman Ji Worship Day: सप्ताह का हर दिन कोई न कोई भगवान को समर्पित है। ऐसे ही मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए खास माना जाता है। मान्यता है कि इन दोनों दिन बजरंगबली की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं पवनपुत्र भक्तों की हर मुराद भी पूरी करते हैं। वहीं मंगलवार को कुछ खास उपाय करने से कई तरह की परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है। साथ ही मंगल ग्रह भी मजबूत होती है। 

कुंडली में दोषों को दूर करने के लिए

हर मंगलवार को चमेली के तेल में सिंदूर लगाकर बजरंगबली को लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि और मंगल जैसे दोष के प्रभाव से छुटकारा मिल जाता है।

हर मनोकामना होगी पूरी

तुलसी के पत्तों पर 108 बार भगवान राम का नाम लिखकर उसका माला बनाकर मंगलवार के दिन हनुमान जी को पहनाएं। इससे अंजनी पुत्र जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की हर इच्छा पूर्ण करते हैं।

धन की कभी कमी नहीं होगी

मंगलवार के दिन 11 पीपल के पत्ते लें उसे साफ पानी से धोने के बाद पत्तों पर चंदन से श्री राम लिखें। फिर इन पत्तों को हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें। मान्यता है ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं। 

बजरंगबली बरसाएंगे कृपा

मंगलवार के दिन सुबह और शाम हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं। बस ध्यान रहे कि दीपक में रखी गई बाती लाल रंग की हो। ऐसा अगर नहीं हो सकता है तो घी में थोड़ा सिंदूर मिला लें। इससे बजरंबली की कृपा प्राप्त होगी।

बजरंगबली की पूजा के समय इन मंत्रों का करें जाप

हनुमान स्तुति मंत्र

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं। 
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।। 
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। 
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

हनुमान स्त्रोत

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं।
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि।।
यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम।
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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