Vastu Tips: वृक्षों की कटाई करते समय इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान, तभी मिलेगा उचित फल
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए वृक्षों को काटने की सही विधि के बारे में।
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे सही विधि से वृक्षों को काटने के बारे में। एक बार फिर से आपको बता दूं- किसी भी वृक्ष को काटे जाने के लिए मृगशिरा, पुनर्वसु, अनुराधा, हस्त, मूल, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, स्वाति और श्रवण नक्षत्र शुभ होते हैं। इन्हीं नक्षत्रों में से किसी भी एक नक्षत्र में पेड़ काटे जा सकते हैं। किसी भी पेड़ को काटने से पहले उसकी विधि-पूर्वक पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले गंध, पुष्प और नैवेद्य से वृक्ष की पूजा करें। फिर उसके तने को साफ वस्त्र से ढक्कर, उस पर सफेद रंग का सूत लपेट दें। फिर वृक्ष से प्रार्थना करें कि इस वृक्ष पर जो प्राणी वास करते हैं, उनका कल्याण हो, उन्हें मेरा नमस्कार है। आप मेरे दिए हुए उपहार को ग्रहण कर, अपने वास स्थान को किसी अन्य जगह पर ले जाएं।
साथ ही कहें- हे वृक्षों में श्रेष्ठ। आपका कल्याण हो। गृह और अन्य कार्यों के निमित्त मेरी यह पूजा स्वीकार करें। इस प्रकार पूजा आदि के बाद जल से वृक्ष को सींचकर मधु और घी लगे कुल्हाड़े से पूर्व से उत्तर दिशा की तरफ पेड़ के चारों ओर घूमने के क्रम में भली प्रकार उस वृक्ष को काटें। वृक्ष को गोलाई में काटना चाहिए और फिर उसके गिरने को देखना चाहिए। पेड़ जिस दिशा में गिरता है, उसका भी एक निश्चित फल होता है।
अगर पेड़ कटकर गिरने के बाद पूर्व दिशा में गिरे तो धन-धान्य की वृद्धि होती है। अगर आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा में गिरे तो अग्नि का भय होता है। दक्षिण दिशा में गिरे तो कई तरह की परेशानी आ सकती है। नैऋत्य कोण, यानि दक्षिण-पश्चिम दिशा में गिरे तो परिवार में कलह होती है। पश्चिम दिशा में गिरे तो चोर का भय होता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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