Chaitra Navratri 2023: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि की शुरू हो चुकी है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में दुर्गा मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। वास्तु में भी नवरात्र की पूजा को लेकर खई नियम बताए गए हैं। इन्हीं में एक अखंड ज्योति या दीप जलाना। ऐसे में नवरात्र के दूसरे दिन वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए अखंड ज्योति और पूजा सामग्री के बारे में।
नवरात्र के दौरान अधिकतर लोग अखंड ज्योति की स्थापना करते हैं और इसकी स्थापना के लिए वास्तु शास्त्र का खास ध्यान रखना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति की स्थापना के लिए आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना सबसे अच्छा माना जाता है।
इस दिशा में अखंड ज्योति की स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इसके अलावा पूजा संबंधी सभी सामग्री को पूजा कक्ष के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा की सारी सामग्री इसी दिशा में रखनी चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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