Vivah Muhurt 2025: नए साल में कब-कब हैं विवाह के लिए शुभ मुहूर्त? अभी देख लें पूरी लिस्ट
Vivah Muhurt 2025: हिंदू धर्म में विवाह शुभ मुहूर्त में संपन्न किया जाना बेहद आवश्यक होता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे कि, साल 2025 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त कब-कब हैं।
Vivah Muhurt 2025: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम बिना सही मुहूर्त देखे नहीं किया जाता। मान्यताओं के अनुसार, सही मुहूर्त में शुभ कार्य करने से उसका अच्छा परिणाम मिलता है। विवाह भी हिंदू धर्म के शुभ-मांगलिक कार्यों में से एक है, इसलिए विवाह से पहले भी शुभ तिथि और मुहूर्त देखा जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि, साल 2025 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त किन-किन तिथियों को रहेंगे। इन शुभ तिथियों में विवाह करने से वर-वधु के जीवन में खुशियां आएंगी।
विवाह मुहूर्त 2025
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त जनवरी 2025 - साल के प्रथम माह में मकर संक्रांति के बाद विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त रहेंगे। जनवरी के माह में 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 तारीख को विवाह संपन्न किए जा सकते हैं।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त फरवरी 2025 - फरवरी के महीने में 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 और 25 तारीख को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त मार्च 2025 - साल के तीसरे महीने मार्च में 1, 2, 6, 7 और 12 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025 - अप्रैल के महीने में 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त मई 2025 - 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 तारीख को मई के महीने में विवाह संपन्न किए जा सकते हैं।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त जून 2025 - 2, 4, 5, 7, 8 जून विवाह के लिए शुभ तारीखें रहेंगी।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नवंबर 2025 - विवाह के लिए नवंबर में 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 तारीख शुभ होगी।
- विवाह के लिए शुभ मुहूर्त दिसंबर 2025- साल के अंतिम माह दिसंबर में 4, 5 और 6 तारीख को विवाह संपन्न किया जा सकता है।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त देखना क्यों है जरूरी?
हिंदू धर्म में विवाह के लिए मुहूर्त देखना बेहद आवश्यक होता है। विवाह अगर गलत मुहूर्त में किया जाए तो जीवन में दिक्कतें पति-पत्नि को आ सकती हैं। इसीलिए कुंडली देखने के साथ-साथ विवाह मुहूर्त देखना भी बेहद आवश्यक होता है। मुहूर्त के महत्व को समझते हुए ही, देवशयन के दौरान कुछ महीनों तक विवाह कार्य संपन्न करना शुभ नहीं माना जाता। वहीं अगर शुभ मुहूर्त देखकर विवाह किया जाता है, तो पति पत्नी के जीवन में सकरात्मकता आती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-