ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी की समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता। लेकिन हस्तरेखा ज्योतिष में लोगों की हाथों की बनावट व हथेली पर बनने वाली रेखाओं को देखकर व्यक्ति के भविष्य के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें पता की जा सकती हैं। सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे जीवन रेखा के पास से आरंभ होने वाली सूर्य रेखा के बारे में ।
कौन सी होती है सूर्य रेखा?
सूर्य रेखा हाथ की रिंग फिंगर यानी अनामिका उंगली के एकदम नीचे होती है। जो सबसे छोटी व मध्यम उंगली के बीच में होती है। इस अनामिका के नीचे उभरते क्षेत्र को सूर्य पर्वत और इस पर्वत से नीचे हृदय रेखा की तरफ जाने वाली रेखा ही सूर्य रेखा कहलाती है।
सूर्य रेखा वाले लोगों को मिलता है मान सम्मान
जिस किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य रेखा जीवन रेखाके पास से आरंभ होती है, उसके लिये यह रेखा उन्नति और यश बढ़ाने वाली मानी गयी है। किन्तु यह सब तभी सम्भव है जब स्वयं के निजी प्रयास और कड़ी मेहनत हो। साथ ही काम को करने की योग्यता आपके अंदर कूट-कूट कर भरी हो। व्यापारियों को छोड़कर जिसके हाथ में सूर्य रेखा इस स्थान से निकलती है, वह अपनी इच्छा के अनुसार निश्चित ही किसी भी कला में सफलता पा सकता है। ऐसे व्यक्ति सुन्दरता के पुजारी होते हैं और अपने जीवन का एक बड़ा भाग सौन्दर्य उपासना में ही बिताते हैं, यानि ये अधिकतर अपने रूप को संवारने में ही। सूर्य रेखा रिंग फिंगर के नीचे वाले हिस्से पर होती है। ये भाग सूर्य पर्वत कहलाता है। यहां खड़ी रेखा हो तो वह सूर्य रेखा कहलाती है। यह रेखा सूर्य पर्वत से हथेली के निचले हिस्से ह्दय रेखा की ओर जाती है।
आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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