श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोगों पर हमेशा बना रहता है माँ सरस्वती का आशीर्वाद, हर क्षेत्र में गाड़ते हैं सफलता के झंडे
श्रवण का अर्थ होता है सुनना। इसका प्रतीक चिन्ह कान है और इसका संबंध मदार के पेड़ से बताया गया है। इसके चारों चरण मकर राशि में आते हैं।
आज दोपहर 2 बजकर 44 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा। आज श्रवण नक्षत्र दोपहर 2 बजकर 44 मिनट तक ही रहेगा। उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र लग जायेगा। आज देर रात 1 बजकर 14 मिनट से पंचक शुरू है धनिष्ठा से लेकर रेवती तक के पांच नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। इसलिए आज पंचक है। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से श्रवण 22वां नक्षत्र है। श्रवण का अर्थ होता है - सुनना। इसका प्रतीक चिन्ह कान है और इसका संबंध मदार के पेड़ से बताया गया है। साथ ही इसके चारों चरण मकर राशि में आते हैं। अतः श्रवण नक्षत्र की राशि मकर है।
हर क्षेत्र में गाड़ते हैं सफलता के झंडे
श्रवण नक्षत्र के दौरान राज्याभिषेक, गृह निर्माण, प्रकाशन, ध्वजारोहण और नामकरण आदि किया जाता है। इससे अच्छे फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही इस नक्षत्र को हर प्रकार की विद्या सीखने और उसे सुरक्षित रखने के साथ भी जोड़कर देखा जाता है। श्रवण नक्षत्र में विद्या से जुड़ा कोई भी काम करने से वह सफल जरूर होगा। साथ ही ये लोग स्पष्टवादी, स्वाभिमान से भरे हुए और सहनशील होते हैं। ये नौकरी और व्यवसाय, दोनों ही क्षेत्र में सफलता पाने के काबिल होते हैं। ये चिकित्सा, तकनीक, शिक्षा और कला आदि क्षेत्रों में विशेष रुचि रखते हैं।।
माँ सरस्वती का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है
श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्रमा हैं, जबकि वैदिक ज्योतिष के अनुसार श्रवण नक्षत्र की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती को माना जाता है। श्रवण नक्षत्र के जातक बुद्धिमान और सामाजिक व्यवहार में कुशल होते हैं। इनमें लोगों को प्रभावित करने की क्षमता होती है, जिसके कारण इनके बहुत से मित्र भी होते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। इनके अंदर सेवाभाव होता है और ये अपने कर्तव्यों को जिम्मेदारी से निभाते हैं। भगवान के प्रति भी इनकी आस्था होती है और इन पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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