शनि देव स्त्री रूप धारण करके क्यों गिरे हनुमान जी के चरणों में? क्या है इसके पीछे की रोचक कहानी, जानें
आखिर क्यों शनि देव को स्त्री रूप धारण करना पड़ा और स्त्री रूप में हनुमान जी के चरणों में छुकना पड़ा। पढ़ें रोचक कहानी।
आपने किसी न किसी से जरूर सुना होगा कि शनि के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माना गया है कि, जो व्यक्ति हनुमान जी की पूजा करता है उस पर शनि देव की क्रूर दृष्टि नहीं पड़ती। इसके पीछे का कारण यह माना जाता है कि हनुमान जी ने एक बार शनि देव को रावण के बंधन से मुक्ति किया था, और शनि देव ने उन्हें कहा था कि मैं आपके भक्तों को कभी परेशान नहीं करूंगा। यह कहानी प्रचलित है लेकिन, इसके अलावा एक और कहानी है जिसकी वजह से शनि देव हनुमान जी के भक्तों पर कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।
शनि देव और हनुमान जी की रोचक कहानी
शनि देव को जब न्याय के देवता के रूप में नियुक्त किया गया तो पहले उन्होंने इस शक्ति का अच्छी तरह से उपयोग किया। वो केवल उन्हीं लोगों को दंड देते थे जो अधर्म के मार्ग पर थे। लेकिन धीरे-धीरे अपनी शक्ति पर शनि को अहंकार होने लगा और निर्दोष लोगों पर भी वो अपना प्रकोप बरसाने लगे। मनुष्य के अलावा देवताओं, गंधर्वों पर भी शनि देव की क्रूर दृष्टि का असर पड़ने लगा। माना जाता है कि शनि देव के इस प्रकोप से बचने के लिए मनुष्य और देवताओं ने हनुमान जी की आराधना शुरू कर दी। हनुमान जी को जब पता चला कि शनि देव अकारण भी लोगों को परेशान कर रहे हैं तो वो शनि देव के पास पहुंचे। उन्होंने शनि देव को समझाया कि आप अधर्मियों को सजा दें लेकिन निर्दोष लोगों के साथ ऐसा न करें।
शनि देव और हनुमान जी के बीच छिड़ा युद्ध
हनुमान जी के बहुत समझाने के बाद भी शनि देव नहीं समझे। शनि देव अपने अहंकार में इतने चूर थे कि, अंत में हनुमान जी को उन्हें सबक सिखाने के लिए उनसे युद्ध करना पड़ा। कई दिनों तक हुए इस भयंकर युद्ध में शनि देव परास्त होने लगे। हनुमान जी के क्रोध से भयभीत शनि देव एक जगह जाकर छिप गए, लेकिन वो जानते थे ज्यादा देर हनुमान जी से छिप पाना आसान नहीं है।
तभी उनके मन में एक युक्ति आयी, वो जानते थे कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और स्त्रियों का बहुत सम्मान करते हैं, इसलिए स्त्री का रूप धारण करके शनि देव हनुमान जी के पास आए और उनके चरणों में गिर पड़े और उनसे क्षमा याचना करने लगे। इसके बाद हनुमान जी का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने शनि देव को माफ कर दिया। अंत में शनि देव ने बजरंगबली की बातों को माना और केवल उन लोगों को ही दंड देने की बात मानी जो अधर्म करते हों।
यही वजह है कि, हनुमान जी की पूजा से आज भी शनि देव के प्रकोप से लोग बच सकते हैं। पंडित और ज्योतिषाचार्य आज भी शनि की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। अगर आपकी कुंडली में भी शनि ग्रह का प्रभाव प्रतिकूल है तो आपको हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
शनि ऐसे बनाते हैं कुंडली में पिशाच योग, अगर नहीं करेंगे ये उपाय तो पग-पग पर खड़ी रहेंगी परेशानियां