Hast Rekha Shastra: कहीं आपकी हथेली में तो नहीं बना ये खास निशान? एक बार ध्यान से जरूर देख लें, रातों-रात बन जाएंगे अमीर
हमारे हाथों में ही हमारा भाग्य छिपा होता है लेकिन हम समझ नहीं पाते। सामुद्रिका शास्त्र में यह छमता है कि हथेली की लकीरों और उसमें बने निशान से किसी के भी भाग्य का आकलन किया जा सकता है। आइए जानते हैं होथों का वो कौन सा निशान है जो व्यक्ति को बनाता है सबसे ज्यादा धनवान और भाग्यशाली।
Hast Rekha Shastra: सामुद्रिका शास्त्र का एक अंग है हस्त रेखा विश्लेषण जिस प्रकार हम ज्योतिष के माध्यम से ग्रहों की चाल को समझ कर भविष्य में होने वाली घटनाओं का आकलन कर देते हैं। ठीक उसी प्रकार मानव जीवन के भविष्य का आकलन हाथों में बनी लकीरों और आकृतियों को पढ़ कर किया जा सकता है। बस फर्क इतना है कि ज्योतिष के लिए व्यक्ति का सही जन्म समय और अन्य विवरण चाहिए होता है और हस्त रेखा के लिए सिर्फ उसका हाथ देख उसके बारे में सब कुछ बताया जा सकता है। आज हम आपको हाथेली में बने एक ऐसी आकृति के बार में बताने जा रहे हैं जो व्यक्ति के निकट भविष्य के धन लाभ और उसकी ख्याती के बारे में बताती है।
हथेली में अलग-अलग निशान बने होते हैं लेकिन आज हम आपको मछली की आकृति वाले निशान के बारे में बताने जा रहे हैं। आगे की चर्चा शुरू करें उससे पहले हस्त रेखा के विषय में एक चीज नोट कर लें कि महिलाओं का उल्टा हाथ और पुरुषों का सीधा हाथ देखना चाहिए। वैसे मछली को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और धन का सूचक माना गया है और यहां तक कि भगवान विष्णु का भी पहला अवतार मत्स्य का था। अब बात करते हैं यदि मछली की आकृति हाथ में बनी हुई है तो व्यक्ति कितना अमीर होता है और उसे क्या-क्या प्रसिद्धियां जीवन में मिलती हैं।
चंद्र पर्वत पर बनी हुआ मछली का निशान
सामुद्रिका शास्त्र में जिनकी हथेली में चंद्र पर्वत की ओर मछली की आकृति बनी हो वह जीवन में खूब धन कमाते हैं। ऐसे लोग बड़े काबिल होते हैं और इनके हुनर की तारीफ हर जगह होती है। चंद्र पर्वत हथेली में मणिबंध के पास नीचे की तरफ होता है।
भाग्य रेखा के पास मछली की आकृति
माना जाता है कि भाग्य रेखा के पास यदि मछली की आकृति है तो ऐसे लोग जन्म-जात दौलत और शौहरत कमाते हैं। इस स्थान पर बनी मछली के निशान को सामुद्रिका शास्त्र में सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। भाग्य रेखा ठीक हथेली के मणिबंध के पास होती है। जहां आप हाथ में कलावा बांधते हैं उसी के ऊपर वाला हिस्सा मणिबंध स्थान कहलाता है।
बुध पर्वत के पास बनी हो मछली
सामुद्रिका शास्त्र के अनुसार बुध पर्वत कनिष्ठा ऊंगली के ठीक नीचे होता है। जो हाथ की सबसे छोटी ऊंगली होती है वही कनिष्ठा कहलाती है। यदि हाथ में वहां मछली बनी है तो ऐसे लोग अपन जीवन में करोड़ों का व्यापर खड़ा करते हैं। ये लोग बड़े-बड़े व्यापारियों की श्रेणी में गिने जाते हैं और बेशुमार दौलत के मालिक होते हैं।
शनि पर्वत के पास मछली हो तब
हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार यदि मछली शनि पर्वत पर किसी भी जातक के हाथ में बनी है तो वह लोग ज्यादातर अनुशासन का पालन करते हैं। शनि पर्वित हाथ की मध्यमा ऊंगली के नीचे होता है। मछली का शनि पर्वत पर होना भाग्योदय का सूचक भी होता है। सामुद्रिका शास्त्र के अनुसार ये लोग बड़े पद को जीवन में प्राप्त करते हैं इनकी समाज में अच्छि छवि होती है और धन-दौलत के भंडार इनके पास भरे रहते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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