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Hindi News धर्म आपके दोनों हाथों में छिपा है भाग्य और दुर्भाग्य से जुड़ा संकेत, जानिए क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र

आपके दोनों हाथों में छिपा है भाग्य और दुर्भाग्य से जुड़ा संकेत, जानिए क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र

किसी व्यक्ति के व्यवहार को जानने के लिए उसके हाव-भाव को समझने की जरूरत है। लेकिन सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार आप शरीर की बनावट से भी किसी का व्यवहार पता कर सकते हैं।

Samudrik Shastra- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Samudrik Shastra

सामुद्रिक शास्त्र में मनुष्य के शरीर के अंगों का उल्लेख किया गया है जिनके जरिए आपको इस व्यक्ति के व्यवहार और भविष्य के बारे में जानने में मदद मिलती है। किसी व्यक्ति के हाथ-पैर की बनावट व संरचना के माध्यम से उसके स्वभाव को जान सकते हैं। सामुद्रिक शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश बता रहे हैं हाथों के बारे में। हमार दो हाथ होते हैं एक दायां और दूसरा बायां। ये दोनों दिखने में समान होते हैं लेकिन दोनों हाथों के अपने अलग-अलग काम और महत्व होते हैं। स्त्री और पुरुष के लिये भी दोनों हाथों का अलग-अलग महत्व है। पुरुषों का दाहिना हाथ पढ़ा जाता है जबकि ज्योतिष में स्त्रियों का बायां हाथ देखा जाता है।

दायां हाथ

दायां हाथ सही व्यक्तित्व का प्रदर्शक होता है। दाहिने हाथ से भविष्य की झलक देखी जा सकती है। यह हमें बताता है कि हमारे भविष्य में कौन-सी घटनाएं होंगी या हम कैसा जीवन व्यतीत करेंगे। किस चीज़ के लिये क्या हल होगा, इसके बारे में भी दायें हाथ के द्वारा पता लगाया जाता है। हमारा दाहिना हाथ बाईं ओर के मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होता है। बायें मस्तिष्क के द्वारा व्यक्ति के तर्क, बुद्धि और भाषा का ज्ञान होता है। दायां हाथ व्यक्ति के बाहरी व्यक्तित्व, आत्म उद्देश्य, सामाजिक माहौल का प्रभाव, शिक्षा और उसके अनुभव को प्रतिबिंबित करता है।

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बांया हाथ

बांया हाथ व्यक्ति की संभावनाओं को प्रदर्शित करता है। बायां हाथ बताता है कि हम अपने साथ क्या-क्या लेकर पैदा हुए हैं जैसे आपने कई बार सुना होगा कि तुम तो अपनी किस्मत लिखवाकर आये हो या तुम बहुत भाग्यवान हो, यानि बांया हाथ ये बताता है कि ईश्वर ने आपको क्या दिया है और क्या नहीं। जिस प्रकार दायां हाथ भविष्य दिखाता है उसी प्रकार किसी का बायां हाथ उस व्यक्ति के अतीत का परिचय करवाता है। ये भी बता दूं कि हमारा बायां हाथ दाहिने मस्तिष्क के द्वारा नियंत्रित होता है। हमारे मस्तिष्क का यह हिस्सा नमूने की पहचान, संबंधों की समझ-बूझ, व्यक्ति की खासियत, उसकी प्रकृति, गुण और समस्याओं के निदान का निर्धारण करता है। इसे एक तरह से व्यक्ति के आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास का हिस्सा माना जा सकता है।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7।30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

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