पितृ दोष कैसे लगता है? जानिए इसकी पहचान कैसे करें, मुक्ति के उपाय भी जान लीजिए
Pitra Dosh Symptoms And Remedies: अभी पितृ पक्ष चल रहा है। इस दौरान सभी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो तुरंत इसका उपाय कर लें वरना आपको इसके बुरे परिणमा भुगतने पड़ सकते हैं।
Written By : Chirag Bejan Daruwalla ,
Edited By : Vineeta Mandal,
Published : Oct 03, 2023 12:55 IST, Updated : Oct 03, 2023, 12:58:47 IST Pitra Dosh: अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष रहता है तो उसे अपने जीवन में कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। पितृ दोष लगने के कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ वजह ये भी हैं। जैसे-यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार विधि-विधान से नहीं किया जाता है या उस व्यक्ति की असामयिक मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। यह सिर्फ एक पीढ़ी में नहीं बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। मशहूर एस्ट्रोलॉजर चिराग दारूवाला से जानिए पितृ दोष के लक्षण और उपाय।
पितृदोष के लक्षण
- पितृ दोष के कारण व्यापार या नौकरी में किसी प्रकार का नुकसान भी हो सकता है।
- शादी में किसी तरह की रुकावट आ सकती है या शादी के बाद मामला तलाक तक पहुंच सकता है।
- यदि कोई दम्पति अनेक उपाय करने के बाद भी संतान सुख से वंचित है। या जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग आदि होता है या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है।
- अगर घर में रहने वाले लोगों के बीच किसी न किसी बात पर बहस होती रहती है तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है।
- घर में मौजूद किसी सदस्य का बीमार होना।
- पितृदोष के कारण व्यक्ति को दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है।
पितृ दोष कैसे लगता है?
- मृत्यु के बाद यदि विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृ दोष लगता है।
- असामयिक मृत्यु की स्थिति में परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
- माता-पिता का अपमान करने और उनकी मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने से पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है।
- सांप को मारने के कारण। पितृ दोष का संबंध सर्प से होता है।
- पितरों का श्राद्ध न करना।
- पीपल, नीम या बरगद का पेड़ काटना।
पितृ दोष के उपाय
- पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए विधि-विधान से तर्पण और श्राद्ध करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें। साथ ही वर्ष की प्रत्येक एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर पितरों को जल तर्पण करें और त्रिपंडी श्राद्ध करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रतिदिन दोपहर के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के जल में काले तिल, दूध, अक्षत और पुष्प अर्पित करें। पितृ दोष को शांत करने के लिए यह उपाय बहुत कारगर है।
- पितृ पक्ष के दौरान रोज शाम को घर की दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाएं। ऐसा आप रोजाना भी कर सकते हैं।
- किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराने, दान देने या किसी गरीब कन्या की शादी में मदद करने से पितर प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष शांत होने लगता है।
- घर की दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीरें लगाएं। प्रतिदिन उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें। कहा जाता है कि इससे पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)