जानें पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का स्वभाव कैसा होता है? ये गुण दिलाता है इन्हें प्रसिद्धि
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, अतः पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोगों पर देव गुरुकी कृपा बनी रहती है।
आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पूर्वभाद्रपद 25वां नक्षत्र है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, अतः पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोगों पर देव गुरुकी कृपा बनी रहती है। बारह राशियों में से पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के पहले तीन चरण कुम्भ राशि में और आखिरी एक चरण मीन राशि में आता है, यानी कुंभ और मीन राशियों पर और उनके जातकों पर पूर्वाभाद्रपद का विशेष रूप से प्रभाव रहता है। जिस व्यक्ति का जन्म जिस भी नक्षत्र में हुआ हो, उस व्यक्ति को उस नक्षत्र के दौरान उससे संबंधित पेड़-पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए और उसे हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।
पूर्वभाद्रपद नक्षत्र का संबंध आम के पेड़ से बताया गया है। अतः जिन लोगों का जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है, उन लोगों को आज के दिन आम के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उसको प्रणाम भी करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोगों को आज के दिन आम के फल का सेवन नहीं करना चाहिए। आज के दिन आपको आम या आम से बनी चीज़ों जैसे आमरस, आम्बी का पन्ना, आम का आचार या फिर आम पापड़, इन सब चीज़ों का सेवन अवॉयड करना चाहिए। हालांकि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के अलावा बाकी लोग आज के दिन आम का उपयोग कर सकते हैं।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दयालु और नेक दिल होने के साथ ही खुले विचारों के भी धनी होते हैं। अमूमन ये लोग शांति प्रिय होते हैं, लेकिन कभी-कभी छोटी-छोटी बात पर भी इन्हें क्रोध आ जाता है। हालांकि जितनी जल्दी इन्हें क्रोध आता है, उतनी ही जल्दी चला भी जाता है। ये लोग साहसी होते हैं और किसी भी चीज़ के लिये जल्दी से हार नहीं मानते हैं। साथ ही इन्हें अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर चलना पसंद होता है।
आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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