Mumba Devi Temple: मुंबा देवी मंदिर में किसकी पूजा होती है? जानें मंदिर से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
Mumba Devi: मुंबई में स्थिति प्रसिद्ध मुंबा देवी मंदिर में जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता है। मुंबा देवी मुंबई की कुल देवी मानी जाती है।
Mumba Devi Mandir: माया नगरी मुंबई में जहां घूमने के लिए समुद्र, गेट वे ऑफ इंडिया समेत कई अन्य जगह हैं। वहीं मुंबई में कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी जहां दर्शन करने के लिए रोज बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इन्हीं में से एक है मुंबा देवी का मंदिर। मुंबा देवी मंदिर करीब 400 साल पुराना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मुंबा देवी मंदिर में जो भी भक्त अपनी अधूरी इच्छा लेकर आता है उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। तो आइए आज हम जानते हैं मुंबई स्थित मुंबा देवी मंदिर के बारे में।
मुंबा देवी मंदिर का इतिहास
कई सालों पुराना मुंबा देवी मंदिर का निर्माण सन 1737 में कोली समाज के लोगों ने बोरी बंदर में करवाया था। हालांकि, अंग्रेज सरकार ने मुंबा देवी मंदिर को बोरी बंदर से कालबादेवी में स्थानांतरित कर दिया। बता दें कि मुंबई और उसके तटीय क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरों को कोली कहा जाता है।
मुंबा देवी मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
मुंबा देवी के नाम पर ही माया नगरी का नाम मुंबई पड़ा। कहा जाता है कि कोली समाज के बंबई नाम पड़ने से पहले ही इस शहर को मुंबई बुलाते थे। मुंबा देवी से जुड़ी मान्यता है कि कोली समाज के लोग जब समंदर में मछली पकड़ने जाते थे तो वो सबसे पहले मुंबा देवी के दर्शन करते थे। धार्मिक मान्यता है कि मां मुंबा देव समंदर से मछुआरे और पूरे शहर की रक्षा करती है। मां मुंबा देवी के आशीर्वाद से मुंबई शहर पर आने वाला खतरा टल जाता है। बता दें कि मां मुंबा देवी को मुंबई की ग्रामदेवी के रूप में पूजा जाता है। यहां हर शुभ काम से पहले देवी मां का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया जाता है।
मुंबा देवी मंदिर में किसकी पूजा होती है?
मुंबा देवी मुंबई की ग्राम देवी यानी कुलदेवी मानी जाती हैं और इसी रूप में इनकी पूजा की जाती है। माता दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों में मुंबा देवी मंदिर भी शामिल है। मुंबा देवी मंदिर में मां जगदंबा और माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित है। रोजाना मां अंबा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। वहीं कहते हैं कि मां मुंबा देवी की कृपा से ही मुंबई देश की आर्थिक राजधानी बन पाया है। मां मुंबा देवी का वाहन हर रोज बदलता है। सोमवार को मां नंदी पर सवार होती हैं तो मंगलवार को हाथी की सवारी करती हैं। बुधवार को मुर्गा तो गुरुवार को गरुड़ पर मां सवार होती हैं। शुक्रवार को सफेद हंस पर तो शनिवार को फिर से हाथी की सवारी करती हैं। वहीं रविवार को देवी मां का वाहन सिंह होता है। मां मुंबा देवी की दिन में छह बार आरती की जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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