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अस्त होने पर सभी ग्रह कैसे परिणाम देते हैं? किस स्थिति में शुभ हो सकते हैं अस्त ग्रह, जानें

कुंडली में किसी भी ग्रह के अस्त होने पर आपको कैसे परिणाम मिलेंगे, और किन स्थितियों में अस्त ग्रह शुभ परिणाम दे सकते हैं, इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं।

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ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ग्रहों की अलग-अलग स्थितियां होती हैं। इन स्थितियों का व्यक्ति के जीवन पर भी अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि जब कुंडली में ग्रह अस्त अवस्था में होते हैं तो इनका प्रभाव कैसा होता है। हम आपको बताएंगे कि कौन सा ग्रह अस्त होने पर कैसे प्रभाव देता है। 

सबसे पहले आपको बता दें दोस्तों कि, सूर्य और राहु-केतु ग्रह कभी अस्त नहीं होते। सूर्य के प्रभाव से अन्य ग्रह अस्त होते हैं इसलिए सूर्य कुंडली में कभी अस्त अवस्था में नहीं होता। राहु-केतु छाया ग्रह हैं इसलिए ये भी अस्त नहीं होते हैं। आइए अब जानते हैं कि बाकी के सभी ग्रह अस्त होने पर कैसे प्रभाव देते हैं। 

अस्त चंद्रमा का फल- अगर कुंडली में चंद्रमा अस्त है तो व्यक्ति को सुख प्राप्ति में परेशानियां आ सकती हैं। ऐसे लोगों के जीवन में माता का सुख भी कम हो सकता है। घर, वाहन आदि खरीदने में भी कड़ी मेहनत ऐसे लोगों को करनी पड़ सकती है। 

अस्त बुध का फल- बुध ग्रह अस्त होने पर त्वचा से संबंधित रोग आपको दे सकता है। आपकी वाणी पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल सकता है। हालांकि बुध ग्रह पर अस्त होने का बहुत अधिक बुरा प्रभाव देखने को नहीं मिलता, अस्त होने पर भी बहुत बुरे फल ये नहीं देगा।

अस्त मंगल का फल- अस्त का मंगल जमीन-जायदाद से जुड़े मुद्दों में आपको परेशानियां दे सकता है। भाई-बहनों के साथ आपके कुछ मतभेद हो सकते हैं। 

अस्त गुरु का फल- अगर गुरु कुंडली में अस्त हो तो व्यक्ति अव्यवहारिक हो सकता है। ऐसे लोग सामाजिक स्तर पर दिक्कतों का सामना कर सकते हैं। ऐसे लोगों को खुद को सही साबित करना पड़ता है। उच्च पद मिलने में परेशानियां आ सकती हैं। 

अस्त शुक्र का फल- भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र का अस्त होना आपकी भौतिक सुख-सुविधाओं को कम कर सकता है। ऐसे लोग विपरीत लिंगी लोगों के प्रति बहुत अधिक आकर्षित हो सकते हैं। वासना ऐसे लोगों को परेशान कर सकती है। 

अस्त शनि का फल- अगर कुंडली में शनि अस्त हो तो सरकारी क्षेत्रों में संघर्ष करना पड़ सकता है। पैसे को संचित करने के लिए भी ऐसे लोगों को कड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है। ऐसे लोग समाजिक सरोकारों से भी दूर रह सकते हैं। 

इस स्थिति में शुभ परिणाम दे सकते हैं अस्त ग्रह 

अस्त ग्रह अगर त्रिक भावों (6, 8, 12) के स्वामी होकर अस्त हों तो अच्छे फल दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनका बुरा प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही अस्त के ग्रह पर यदि किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो उसका बुरा असर कम हो सकता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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