Kalki Dham: पीएम मोदी आज अपने उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम पहुंचे। वह कल्कि मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने आज कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया। आपको बता दें कि यहां एक भव्य मंदिर बनने जा रहा है जो भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि को समर्पित होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार कल्कि भगवान कलयुग के अंतिम चरण में प्रकट होंगे। शास्त्रों में कल्कि भगवान का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के संभल जिले में होने की बात बताई गई है, जहां ये मंदिर बनने जा रहा है। कल्कि भगवान का मंदिर अपने आप में बेहद खास होगा। इस मंदिर की भव्यता सबसे अनोखी होगी आइए जानते हैं कल्कि धाम मंदिर की प्रमुख विशेषताओं के बारे में।
क्लकि धाम मंदिर की प्रमुख विशेषताएं
- भगवान विष्णु के 10वें और कलयुग के अंतिम चरण में अवतरित होने वाले कल्कि भगवान को यह मंदिर समर्पित होगा। यह पहला ऐसा देव मंदिर है जो भगवान के प्रकट होने से पहले ही बन रहा है।
- कल्कि धाम मंदिर पांच एकड़ परिसर में बन रहा है, जो देखने में अति भव्य होगा।
- यह पहला ऐसा मंदिर होगा जिसमें 1 नहीं बल्कि 10 गर्भगृह होंगे। मंदिर के 10 गर्भगृहों में भगवान विष्णु के 10 अवतारों की प्रतिमा विराजमान कराई जाएगी। जिसमें मुख्य प्रतिमा कल्कि भगवान की होगी।
- कल्कि भगवान का मंदिर संभल में इसलिए बनने जा रहा है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार कल्कि भगवान का जन्म संभल में विष्णुयशा नाम के तपस्वी ब्राह्म्ण के यहां पुत्र रूप में होगा। भगवान कल्कि के प्रकट होने में अभी काफी समय हैं परंतु यह मंदिर उनकी समृति चिह्न का प्रतीक माना जाएगा।
- मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा होगा और इसका आंगन 11 फीट ऊंचाई पर बनाया जाएगा। इसी के साथ मंदिर के प्रांगण में 68 तीर्थ भी स्थापित किए जाएंगे।
- कल्कि धाम मंदिर का निर्माण भी उन्हीं पत्थरों से होगा जो राम मंदिर निर्माण में प्रयोग किए गए हैं। दरअसल यह एक तरह के लाल पत्थर होते हैं जो राजस्थान के भरतपुर स्थित बंसी पहाड़पुर में पाए जाते हैं। इनकी आयु काफी लंबी बताई जाती है और इनकी चमक भी लंबे समय तक बरकरार रहती है।
ये भी पढ़ें-
Kalki Avtar: आखिर संभल से क्या है भगवान कल्कि का नाता? जानिए इस तीर्थ का धार्मिक महत्व
Bhisma Dwadashi 2024: कब है भीष्म द्वादशी? जानिए आखिर महाभारत से क्या है इस दिन का नाता