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जगन्नाथ मंदिर के खजाने की गुम हुई चाबी का रहस्य क्या है? आखिरी बार 1985 में खुला था दरवाजा

जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के पवित्र चार धामों में से एक है। आज हम आपको इस मंदिर के रत्न भंडार की गुम हुई चाबी के रहस्य के बारे में जानकारी देंगे।

जगन्नाथ मंदिर - India TV Hindi Image Source : FILE IMAGE जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के उन पवित्र स्थलों में से एक है जहां हर हिंदू भक्त जाना चाहता है। यह पवित्र स्थाान चार धामों में से एक है और ओडिशा राज्य में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि, यहां प्रभु के दर्शन करने वाले भक्त को अंत समय में मुक्ति प्राप्त हो जाती है। जगन्नाथ पुरी मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त देश-विदेश से आते हैं। इस मंदिर के खजाने को लेकर भी चर्चाएं अक्सर होती रहती हैं। इस मंदिर के रत्न भंडार में देवताओं के जेवरात के साथ ही भक्तों के द्वारा भगवान को अर्पित किए गए गहनों का भी भंडार है। 

खजाने की खोई चाबी का रहस्य 
जगन्नाथ मंदिर को लेकर कहा जाता है कि, यहां खरबों रुपए के जेवरात हैं। मंदिर के रत्न भंडार को दो भागों में बांटा गया है। एक है बाहरी भाग और दूसरा भीतरी, बाहर वाले भाग में देवताओं को पहनाए जाने वाले जेवर और रत्न हैं, वहीं अंदर वाले भाग में वो जेवरात और पैसे हैं जिन्हें भक्तों ने भगवान पर अर्पित किया है। रत्न भंडार या खजाने के इस भाग की चाबी खो चुकी है। पिछले 6 सालों से इस चाबी की जानकारी किसी के पास नहीं है। आपको बता दें कि चाबी खो जाने से पहले सन 1985 में इस भीतरी खजाने के दरवाजे खोले गए थे, तब से ये खजाना बंद ही पड़ा हुआ है। 1985 में आखिरी बार ये गिनती हुई थी की मंदिर के खजाने में कितने जेवरात, रत्न आदि हैं। अब चाहकर भी कोई भीतरी खजाने के दरवाजे को खोल नहीं पा रहा, क्योंकि अब चाबी ही गायब है। 

आपको बता दें कि, जगन्नाथ पुरी मंदिर की चाबी मंदिर के पुजारियों के पास नहीं बल्कि पुरी के कलेक्टर के पास रखी जाती है। अगर कोई इस मंदिर के खजाने को खोलना चाहे तो उसे पहले राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। अगर राज्य सरकार इजाजत दे तभी रत्न भंडार के दरवाजे खोले जाते हैं। 2018 में कोर्ट के आदेशानुसार मंदिर के खजाने के दरवाजे को खोलने की बात तो चली, लेकिन मंदिर की चाबी न मिलने के कारण दरवाजा खोला नहीं जा सका। राजनीतिक पार्टियों के द्वारा रत्न भंडार के दरवाजे को खोलने की कई कोशिशें की गई हैं और इस संबंध में पीआईएल भी डाली गई हैं। 

रत्न भंडार कहां है? 
जगन्नाथ मंदिर में जो रत्न भंडार स्थित है उसमें भले ही बेशकीमती रत्न-माणिक्य हों, लेकिन इसका स्थान जगन्नाथ जी के पैरों के नीचे बनाया गया है।  यहीं जगन्नाथ जी के साथ ही उनके भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा के जेवरात रखे गए हैं। इसके बाद भीतरी खजाने में भक्तों के द्वारा भेंट किए गए आभूषण और रत्न हैं। 

जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़ी ये बातें हैं चौंकाने वाली 
जगन्नाथ मंदिर को लेकर कहा जाता है कि कभी भी इस मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं उड़ता। इस मंदिर में शीर्ष पर जो झंड़ा लटक रहा है वो हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। इस मंदिर की परछाई नहीं बनती। मंदिर के बाहर समुद्र की लहरों की आवाज आती है लेकिन अंदिर जाते ही आवाज बंद हो जाती है। ऐसे ही कई अन्य चौंकाने वाली बातें भी जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी हैं। माना जाता है कि, इस मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक जाता है उसकी सभी मनोकामनाएं जगन्नाथ जी पूरी कर देते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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