अद्भुत है मां काली का 10 स्वरूपों वाला यह मंदिर, यहां दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी!
Daksheshwar Mahadev Temple: आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर पूरे साल श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में जाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Daksheshwar Mahadev Temple: 4 जुलाई दिन मंगलवार से शिव आराधना और भक्ति का महापर्व सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। यह महीना शिव जी को बेहद प्रिय होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 19 वर्षों के बाद सावन के महीने में अधिकमास रहेगा जिसकी वजह से सावन का महीना दो महीनों का होगा। यानी की इस बार सावन 04 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान लोग देश के मुख्य तीर्थ स्थलों, शिव मंदिरों के साथ ही भगवान भोलेनाथ के कई प्राचीन मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।
दक्षेश्वर महादेव मंदिर कहां मौजूद है?
यूं तो भारत में कई शिव मंदिर हैं जिनका अपना महत्व है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर भगवान शिव के भक्तों का पूरे साल आना जाना लगा रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में जाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं। हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने वाले हैं उस मंदिर का नाम दक्षेश्वर महादेव मंदिर है जोकि भगवान शिव का ससुराल विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी हरिद्वार की सबसे प्राचीन नगरी कनखल में स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से आपकी सभी मुरादें पूरी हो सकती हैं।
जानें 10 महाविद्या मंदिर के बारे में -
दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पास ही 10 महाविद्या मंदिर स्थित है। इस मंदिर में माता के दस अलग-अलग स्वरूप हैं। कथाओं के अनुसार जब माता सती ने अपना शरीर योगाग्नि में जलाया था तो भगवान शिव को इस बात का एहसास हो गया था। भगवान शिव आधे नारी और आधे पुरुष है। जब माता ने खुद को जलाया था तो भगवान शिव काफी क्रोधित हुए थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी दो जटाओं को कैलाश पर पड़े एक बड़ी चट्टान पर फेंका तो उससे वीरभद्र और मां काली उत्पन्न हुई थी। वीरभद्र ने भगवान शिव के कहे अनुसार राजा दक्ष का सर काट कर यज्ञ को विध्वंस किया था।
मां काली ने बदले थे 10 रूप
कथाओं के अनुसार माता काली क्रोधित होकर कनखल में आई थीं। मां काली इतनी क्रोधित हो गई थी कि उन्होंने अपने कई स्वरूप बदले थे। इनमें मां काली ने तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, वैष्णो देवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगला मुखी और कमला के स्वरूपों को धारण किया था। दक्षेश्वर महादेव प्रांगण में 10 महाविद्या मंदिर में माता के उन्हीं 10 स्वरूपों को स्थापित किया गया है। मान्यताओं के अनुसार माता के इन 10 स्वरूपों के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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