गीता देवी धार्मिक और शैक्षिक सोसायटी में देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान, साध्वी ऋतंभरा भी रहीं मौजूद
8 फरवरी को गीता देवी धार्मिक और शैक्षिक सोसायटी में देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान हुआ। इस मौके पर साध्वी ऋतंभरा भी मौजूद रहीं, इस कार्यक्रम का अनुष्ठान 2 फरवरी से 8 फरवरी तक बड़े धूम धाम से आयोजित किया गया।
8 फरवरी 2024 को गीता देवी धार्मिक और शैक्षिक सोसायटी की संरक्षण में भगवान बांके बिहारी जी, गणपति जी, राम दरबार, मां दुर्गा, शिव परिवार और नवग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का विशाल समारोह साध्वी ऋतंभरा और आलोक कुमार के आशीर्वाद से किया गया। प्राण प्रतिष्ठा का यह कार्यक्रम 2 फरवरी से लेकर 8 फरवरी तक बांके बिहारी गीता मंदिर, सेक्टर 24, रोहिणी, दिल्ली के परिसर में आयोजित किया गया। सभी रीतिरिवाज राम निवास जीनाल और अनीता जिंदल ने अपने पुत्र और बहू अनिरुद्ध जिंदल और प्राची जिंदल सहीत अन्य परिवार के सदस्यों के साथ किया। बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा प्रारंभ करने से पहले 2 फरवरी को गणपति पूजन, प्रायश्चित संकल्प, पुण्य वचन, नंदी मुख श्राद्ध सहित सभी देवता गणों का आह्वान और उनकी पूजा के साथ श्रीमान वरण और सभी देवताओं की मूर्तियों का जलाधिवास किया गया।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अनुष्ठान में ये आयोजन किए गए
- 3 फरवरी के दिन सभी देवताओं की पूजा की गई जिनका आहवाहन 2 फरवरी को किया गया था, इसके बाद ब्राह्मण पूजन, जप पथ और मूर्तियों का अन्नादिवास किया गया।
- 4 फरवरी वाले दिन सभी पीठों की पूजा के साथ-साथ ब्राह्मण पथ, जप पथ और धृतवास की पूजा की गई।
- 5 फरवरी को पीठों का पूजन, ब्राह्मण पूजन, जप पथ, पुष्प, औषधि, इत्र, गंध के साथ मूर्तियों का पुष्प और औषधि निवास के साथ नियमित रूप से पूजन किया गया।
- 6 फरवरी को पीठों का पूजन, ब्राह्मण पूजन, जप पथ, फल-मिष्टन दिवस और वस्त्र शय्याधिवास की पूजा की गई।
- 7 फरवरी को पीठों का पूजन, ब्राह्मण पूजन, जप पथ, 21 कलशों के पानी से महाअभिषेक, नेत्र मिलन, 56 भोग प्रसाद अर्पित कर और नगार परिक्रमा रथ यात्रा साथ की गई।
सूवरेन स्कूल के छात्र-छात्रओं ने निकाली भव्य शोभा यात्रा
नई दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 24 के सूवरेन स्कूल के छात्रों ने गणपति जी, राम दरबार, शिव परिवार, राधा कृष्ण और मां दुर्गा की झांकियों के साथ भव्य रथ यात्रा निकाली। भव्य शोभा यात्रा निकालते समय सभी में बहुत उत्साह दिख रहा था। दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 24 में इस दिन पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था। वहां स्थित सभी लोग राधे-कृष्ण के नाम का भजन कीर्तिन करते हुए दिखे।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साध्वी ऋतंभरा और विश्व हिन्दू परिषद के सदस्य आलोक कुमार रहे
8 फरवरी के दिन गीता देवी धार्मिक और शैक्षिक सोसायटी के सभी सदस्यों प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मलित दिखे। जिसमें गीता देवी धार्मिक और शैक्षिक सोसायटी के सभी सदस्यों ने गीतारत्न परिवार के सदस्यों के साथ प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नजर आते दिखाई दिए। इस धार्मिक कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साध्वी ऋतंभरा और विश्व हिन्दू परिषद के सदस्य आलोक कुमार थे। साध्वी ऋतंभरा ने इस कार्यक्रम का लोकार्पण किया और मंदिर के पर्दे खोले।
साध्वी ऋतंभरा ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि कमाई को 5 हिस्सों में बांटना चाहिए
साध्वी ऋतंभरा का एक भावपूर्ण भाषण ने जीवन का मूल मंत्र दिया, उन्होंने कहा कि व्यक्ति की कमाई को 5 हिस्सों में बांटना चाहिए। पहला हिस्सा भगवान के नाम पर होना चाहिए और इसे समाज के कल्याण में खर्च करना चाहिए। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी को भूलने वाले लोगों की मिसाल दी और श्री राम निवास जिंदल और उनके परिवार की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भगवान और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया है। उन्होंने सराहना करते हुए आगे कहा कि उन्होंने बहुत ही सुंदर मंदिर बनवाया है और ये भी कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्होंने मंदिर का भूमि पूजन किया और आज उन्हें उसी मंदिर का लोकार्पण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू एकजुट होकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए काम कर रहा है
आलोक कुमार ने अपने भाषण में बताया कि आजकल हिंदू एकजुट हैं और वे हिंदू धर्म और उनकी सांस्कृतिक धरोहर के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने हिंदुओं की मुख्य उपलब्धि का उल्लेख किया कि अयोध्या में राम लला के मंदिर को प्राप्त करने में हिंदुओं की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने अपने भाषण को जय श्री राम के नारे के साथ समाप्त किया।
ध्रुव शर्मा और स्वर्णा ने गाय सुंदर राधा-कृष्ण के भक्ति गीत
कार्यक्रम के दौरान ध्रुव शर्मा और स्वर्णा ने भगवान कृष्ण और राधा रानी के सुंदर भजन गाए। सभी दर्शक भावनात्मक हो गए और उनकी आंखों में भगवान कृष्ण और राधा जी के प्रति प्रेम की आंसू बहने को आ गए। समारोह मंदिर समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को भद्रा में समाप्त किया गया।
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