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Hindi News धर्म Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के लिए ये है शुभ मुहूर्त, जान लें पूजन विधि और इसका महत्व

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के लिए ये है शुभ मुहूर्त, जान लें पूजन विधि और इसका महत्व

गोवर्धन पूजा साल 2024 में 2 नवंबर को है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा और इस दिन का महत्व क्या है, आइए जानते हैं।

गोवर्धन पूजा 2024- India TV Hindi Image Source : SOCIAL गोवर्धन पूजा 2024

Govardhan Puja 2024: हिंदू धर्म में दीवाली के बाद गोवर्धन पूजा या अन्नकूट मनाने का बड़ा महत्व है। इस दिन गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस पर्व की शुरुआत भगवान कृष्ण ने की थी। ब्रज क्षेत्र से इस परंपरा की शुरुआत हुई थी और उसके बाद भारत के विभिन्न कोनों में ये प्रचलित हो गई। साल 2024 में गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। आइए जान लेते हैं कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब होगा और इस दिन कैसे आपको पूजा करनी चाहिए। 

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। श्रीकृष्ण के भक्त इस दिन 56 तरह के भोग बनाकर उन्हें अर्पित करते हैं। इन पकवानों को ही अन्नकूट कहा जाता है। इस दिन सही मुहूर्त में गोवर्धन महाराज और भगवान कृष्ण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। 

गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2024

गोवर्धन पूजा करने के लिए सुबह और शाम के समय को शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह के समय गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 बजकर 34 मिनट से शुभ होगा और 8 बजकर 46 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं। वहीं शाम के समय 5 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 1 मिनट तक पूजा के लिए शुभ समय रहेगा। वहीं कुछ लोग इस दिन दोपहर के समय भी पूजा करते हैं। दोपहर की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 3 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में अगर आप गोवर्धन पूजा करते हैं तो शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। 

गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा का पर्व भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन पूजा मुख्यतः कृषि, पशुधन और समृद्धि की कामना के लिए की जाती है। इस दिन कैसे आपको गोवर्धन महाराज की पूजा करनी चाहिए, आइए जानते हैं:

पूजा सामग्री

गोबर या मिट्टी से बने गोवर्धन पर्वत का चित्र, धूप, दीप, गंध, पुष्प, अक्षत (चावल), गाय का गोबर, दही, दूध, घी, गंगाजल या पवित्र जल, ताजे अन्न (अन्नकूट प्रसाद के लिए), मिठाई, फूल माला, फल, आरती की पुस्तक आदि। 

पूजा की विधि

  • सबसे पहले गोवर्धन महाराज की पूजा के लिए आपको स्वच्छ स्थान चुनना चाहिए और इसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। 
  • इसके बाद आपको मिट्टी और गोबर की सहायता से गोवर्धन पर्वत बनाना चाहिए। कुछ लोग इस दिन मानव आकृति में गोवर्धन पर्वत बनाते हैं, वहीं कुछ लोग पर्वत की आकृति में ही गोवर्धन पर्वत का निर्माण करते हैं। इस दिन गोवर्धन पर्वत के साथ ही भगवान कृष्ण की प्रतिमा भी आपको पूजा स्थल पर रखनी चाहिए। 
  • गोवर्धन पर्वत के आसपास रंगोली बनाएं और धूप दीप जलाएं। इसके बाद पूजा आरंभ कर दें। 
  • भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए धूप, दीप के साथ ही पुष्प, अक्षत और जल भी अर्पित करें।
  • “ॐ गोवर्धनाय नमः” मंत्र का जप आप कर सकते हैं।
  • इसके बाद पवित्र जल से गोवर्धन पर्वत का अभिषेक करें और विभिन्न पकवान, फल, मिठाई अर्पित करें।
  • पूजा के बाद भगवान को अन्नकूट (अनेक प्रकार के व्यंजन) का भोग लगाएँ। इस दौरान दही, दूध, घी, अनाज, और हरी सब्जियों से बनी चीजें रखी जाती हैं।
  • पूजा के बाद भगवान कृष्ण की आरती करें। गोवर्धन पूजा की विशेष आरती गाएं।
  • पूजा समाप्ति पर अन्नकूट का प्रसाद परिवार के लोगों और आस पड़ोस में बांटें।

गोवर्धन पूजा का महत्व:

गोवर्धन पूजा से हमको यह शिक्षा मिलती है कि हमको हमेशा प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करना चाहिए। गोवर्धन पर्वत भगवान कृष्ण के पकृति के प्रति प्रेम को भी दर्शाता है। यह त्योहार हमें संदेश देता है कि, हम प्रकृति का जितना सम्मान करेंगे वो उतना ही हमें बरकत देगी। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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