उत्तराखंड के इस मंदिर तक पहुंची जंगल की आग, वन विभाग ने बचाई भक्तों की जान, पांडवों के समय से है प्रसिद्ध
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं इन दिनों बढ़ गई हैं। जंगल की आग की चपेट में अब एक प्रसिद्ध मंदिर भी आया है। लेख में पाएं पूरी सूचना।
उत्तराखंड के जंगलों में इन दिनों आग लगने की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। आग की लपटों से उत्तराखंड का कुमाऊं मंडल अधिक प्रभावित है। सूत्रों की मानें तो कुमाऊं में पिछले कुछ दिनों में ही 65 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं हुई हैं। इसके कारण 1145 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। उत्तराखंड के जंगलों की इस आग ने एक प्रसिद्ध मंदिर को भी अपनी चपेट में ले लिया, अगर वन विभाग की टीम यहां समय पर नहीं पहुंचती तो श्रद्धालु गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते थे।
अल्मोडा जिले के इस मंदिर में लगी थी आग
रविवार 5 मई को आग की लपटों ने अल्मोड़ा के दूनागिरी मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया। ये मंदिर चारों तरफ से जंगल से घिरा है, ऐसे में आग की लपटों ने हर तरफ से मंदिर को घेर लिया था। आग की भयावहता को देखकर वहां मौजूद श्रद्धालु जान बचाने के लिए भागने लगे। इसके साथ ही सही समय पर वन विभाग की टीम भी मंदिर के पास पहुंच गई और आग की लपटों पर काबू पाया गया। इससे बड़ी घटना होने से टल गई और कोई भी श्रद्धालु आग की चपेट में नहीं आया।
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटना कुछ दिनों में बढ़ी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर से अब तक जंगल में आग लगने की 910 घटनाएं सामने आई हैं। सोचनीय बात ये है कि पिछले 1-2 दिनों में 24 से ज्यादा आग लगने की घटनाओं की पुष्टि हुई है। जंगल की आग के कारण 5 लोगों की मौत और इतने ही लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है।
पांडवों के समय से प्रसिद्ध है दूनागिरी मंदिर
दूनागिरी मंदिर का जिक्र हिंदू धर्म के पुराणों में भी मिलता है, माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां शरण ली थी। पांडवों के द्वारा युद्ध में विजय प्राप्त करने हेतु यहां दूनागिरी की दुर्गा माता के रूप में पूजा की गई थी। इसके साथ ही त्रेतायुग में जब संजीवनी बूटी लेने हनुमान जी हिमालय आए थे और पूरा पर्वत उठाकर लंका की तरफ जा रहे थे तो उस पहाड़ का एक हिस्सा नीचे गिर गया था।
ऐसा माना जाता है कि दूनागिरी मंदिर उसी पहाड़ पर स्थित है। माना जाता है कि अगर कोई भक्त श्रद्धापूर्वक दुनागिरी मंदिर में अखंड दीपक जलाए तो उसकी संतान प्राप्ति की कामना पूरी हो जाती है। सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना लिये आज भी बड़ी संख्या में भक्त माता दूनागिरी के दर्शन करने आते हैं। योग और आध्यात्म में रुचि रखने वालों के लिए भी दूनागिरी मंदिर बहुत अहमियत रखता है।
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