दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव में किन-किन चीजों का करें दान? भगवान शिव ने पद्म पुराण में कही हैं ये बातें
दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव में दान का बड़ा महत्व है। भगवान शिव के अनुसार किन चीजों को दान इस दौरान करना चाहिए, आइए जानते हैं।
दीपावली का पांच दिवसीय उत्सव धनतेरस के दिन से शुरू हो जाता है। धनतरेस के बाद नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इन पांच दिनों में भक्तों को देवी-देवताओं की पूजा करने से तो लाभ होता ही है, साथ ही इस दौरान दान का भी बड़ा महत्व है। धनतेरस के 5 दिनों में क्या-क्या चीजें दान करनी चाहिए, इसके बारे में पद्म पुराण में भगवान शिव अपने पुत्र कार्तिकेय को बताते हैं।
पद्म पूराण में भगवान शिव और कार्तिकेय का वार्तालाप
महर्षि वेदव्यास रचित पद्म पुराण में भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय के बीच हुए वार्तालाप का जिक्र मिलता है। कार्तिकेय, शिव जी से पूछते हैं कि, दीपावली के त्योहार के दौरान क्या करना चाहिए। इसके जवाब में भगवान शिव कहते हैं कि, कार्तिक महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। इसमें पांच दिनों को बेहद शुभ माना जाता है, ये पांच दिन धनतेरस से लेकर भाई दूज तक आते हैं। यानि कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से लेकर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के बीच में जो भी व्यक्ति दान पुण्य करता है, उसको अक्षय फलों की प्राप्त होती है। आइए अब जान लेते हैं कि, भगवान शिव किस दिन क्या दान करने की शिक्षा देते हैं।
धन तेरस
पद्म पुराण में भगवान शिव कहते हैं कि, धनतेरस के दिन यमराज के लिए दीप दान करना चाहिए, इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। यमराज को दीप दान दक्षिण दिशा में किया जाता है। यानि आप अपने घर की दक्षिण दिशा में इस दिन एक दीपक यमराज के निमित्त जला सकते हैं। इस दीपक को जलाते समय “मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्” मंत्र का कब से कम 3 बार आप जप कर सकते हैं।
नरक चतुर्दशी
पद्म पुराण में भगवान शिव बताते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन जो व्यक्ति प्रात:काल स्नान करता है, वो मृत्यु के बाद नरक नहीं भोगता। इसलिए इस दिन आपको सुबह के समय स्नान अवश्य करना चाहिए। इस दिन सरसों के तेल का दान करने से कई आर्थिक परेशानियां दूर हो सकती हैं। घर में सुख-समृद्धि और खुशियां आती हैं।
दीपावली
पद्म पुराण में वर्णित है कि, दिवाली के दिन ब्रह्ममुहूर्त में भी और प्रदोष काल के दौरान भी माता लक्ष्मी की पूजा आराधना अवश्य करनी चाहिए। साथ ही पितरों के निमित्त पूजा और दान करने से आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गोवर्धन पूजा
इस दिन गोवर्धन महाराज और भगवान कृष्ण की पूजा आराधना की जाती है। इन दोनों की पूजा के साथ ही आपको बाजरा, चावल आदि इस दिन दान करना चाहिए। इससे आपको भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। गोवर्धन पूजा वाले दिन दान करने से आपको मानसिक शांति का अनुभव भी प्राप्त होता है।
भाई दूज
भगवान शिव पद्म पुराण में कहते हैं कि, भाई दूज के दिन भाई को अपनी सामर्थ्य के अनुसार बहन को वस्त्र या उनकी जरूरत की चीज दान करनी चाहिए। इसके साथ ही बहन को अपने हाथ से बना भोजन भाई को खिलाना चाहिए। इस दिन अगर कोई यमुना नदी में स्नान करता है तो उसे अंत समय में यमपुरी नहीं जाना पड़ता।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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