A
Hindi News धर्म दूसरे विवाह का कारण बन सकते हैं कुंडली के ये ग्रह, क्या आपकी कुंडली में भी हैं ये स्थितियां, जानें

दूसरे विवाह का कारण बन सकते हैं कुंडली के ये ग्रह, क्या आपकी कुंडली में भी हैं ये स्थितियां, जानें

कुंडली के कुछ ग्रह और ग्रह स्थितियां दूसरे विवाह का कारण बन सकती हैं। आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

Kundli - India TV Hindi Image Source : FILE Kundli

विवाह यूं तो सात जन्मों का बंधन होता है, लेकिन आज के समय में पार्टनर की छोटी-छोटी कमियों, आपसी समझ की कमी के कारण तलाक की नौबत आ जाती है। ज्योतिष की मानें तो इसका कारण कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति भी हो सकती है। अगर शादी से पूर्व ढंग से कुंडली न मिलाई जाए तो दिक्कतें वैवाहिक जीवन में पैदा होने की संभावना रहती है, जिसके कारण रिश्ता टूट भी सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कुंडली देखकर कैसे पता चलता है कि, जातक का दूसरा विवाह होगा या नहीं। 

कुंडली में विवाह का भाव

ज्योतिष शास्त्र में सप्तम भाव को विवाह का भाव कहा जाता है। इसलिए ये जानने के लिए कि, व्यक्ति का दूसरा विवाह होगा या नहीं इसी भाव को देखना जरूरी होता। अगर इस भाव और इसके स्वामी की स्थिति कुंडली में अच्छी है तो दूसरे विवाह की संभावनाएं नहीं होती। वहीं अगर इस भाव की स्थिति ठीक नहीं है तो दूसरा विवाहि हो सकता है। 

कुंडली के ये ग्रह दूसरे विवाह का बन सकते हैं कारण

  • अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह प्रतिकूल अवस्था में है तो वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आ सकती हैं। ऐसे लोग एक बार तलाक लेकर दूसरी शादी कर सकते हैं। शुक्र कुंडली में तब कमजोर पड़ सकता है जब मंगल, राहु, केतु, शनि जैसे ग्रहों की इस पर दृष्टि होती है। 
  • दूसरे विवाह के बारे में विचार करने के लिए कुंडली के अष्टम भाव को भी देखा जाता है। इस भाव में अगर शुक्र मजबूत स्थिति में बैठा हुआ है तो व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता है। शुक्र के आठवें भाव में बैठने से व्यक्ति शादी के बाद गुप्त संबंध बना सकता है। यह भाव अचानक होने वाली घटनाओं को भी दर्शाता है इसलिए प्रेम के कारक ग्रह शुक्र के इस स्थान में बैठने से व्यक्ति विवाह के बंधन को अचानक से भी तोड़ सकता है। 
  • ज्योतिष में राहु और केतु को क्रूर ग्रह माना जाता है। इन दोनों में से कोई भी ग्रह अगर सप्तम भाव में है तो समझ लीजिए विवाह में ये दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। सप्तम भाव में इन ग्रहों में से किसी एक की स्थिति जीवनसाथी के प्रति आपके दिल में बैर भर सकती है और आप दूसरा विवाह करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। 
  • अगर कुंडली के विवाह भाव के साथ ही अष्टम और नवम भाव में द्विस्वभाव राशियां मिथुन, कन्या, धनु और मीन हों तो दूसरे विवाह के आसार रहते हैं। 
  • सातवें घर पर अगर शनि, राहु-केतु में से किसी की दृष्टि है तो वैवाहिक जीवन में परेशानियों के साथ ही दूसरे विवाह के योग भी बन सकते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Bracelet Line: मणिबंध रेखाएं हैं अच्छे भाग्य की निशानी, इनका हाथ में होना दिलाता है धन लाभ और समाज में प्रतिष्ठा

क्या होता है गर्भगृह? क्यों बनाया जाता है हर बड़े मंदिर में, जानें प्रवेश से जुड़े नियम भी