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Astrological Predictions: 2025 में शनि और गुरु के साथ ही राहु-केतु भी बदलेंगे राशि, जान लें नए साल को लेकर क्या है ज्योतिषियों की राय

Astrological Prediction: 2025 में ग्रहों की चाल बदलने से देश-दुनिया में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि, नए साल को लेकर ज्योतिषीय भविष्यवाणी क्या कहती है।

ज्योतिषीय भविष्यवाणी 2025- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Astrology Prediction 2025

साल 2025 में 4 बड़े ग्रह अपनी राशि बदल रहे हैं। क्रम से 29 मार्च को शनि मीन राशि में, 14 मई को बृहस्पति मिथुन राशि में और 18 मई को राहु और केतु कुंभ और सिंह राशि में गोचर करेंगे। इसके चलते ज्योतिषी आशंका जता रहे हैं कि देश-दुनिया में कुछ बड़ा होने वाला है। इसके साथ ही नास्त्रेदमस, संत अच्युतानंद और बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां भी वायरल हो रही हैं। साल 2025, साल 2024 से भी ज्यादा खतरनाक होगा। आइए जानते हैं भारत में क्या होने वाला है ज्योतिष चिराग दारुवाला से। 

दिखेगा मंगल का प्रभाव

ज्योतिषियों के अनुसार नया साल विक्रम संवत 2082 से शुरू होगा। यह नया साल अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 30 मार्च से शुरू होगा। इसके बाद का समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत की कुंडली में मंगल का प्रभाव रहेगा। मंगल दूसरे भाव में विराजमान हैं। भारत की कुंडली के तीसरे भाव में पांच ग्रह गोचर करेंगे। हालांकि, यह लेख भारत की कुंडली पर आधारित नहीं है। यह चार बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन पर आधारित है।

2025 में दिखेंगे बड़े बदलाव

29 मार्च 2025 को जब शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा, तो देश और दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। मीन राशि और 12वां भाव बृहस्पति का है। यहां से शनि लग्न, पंचम और अष्टम भाव को देखेगा। इसका नकारात्मक प्रभाव देश के चरित्र, रिश्तों, संतान, शिक्षा, स्वास्थ्य और विदेशों से भारत के संबंधों पर पड़ेगा। इससे भारत के अंदर आपसी सद्भाव, शांति और समृद्धि का संतुलन बिगड़ेगा। विपक्ष और सरकार के बीच टकराव रहेगा। देश अकाल, युद्ध, दंगे, विस्फोट, भूकंप, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं से परेशान रहेगा। बड़ी संख्या में जान-माल की हानि होने की संभावना है।

गुरु गोचर का प्रभाव

14 मई 2025 से बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेगा, जिससे यह 3 गुना अधिक आक्रामक हो जाएगा। अधिक आक्रामक होने का अर्थ है कि अब यह बहुत कम समय में तेज गति से एक राशि को पार कर उसी राशि में वक्री गति से वापस आएगा और फिर मार्गी होकर अगली राशि में चला जाएगा। ऐसा वे 8 साल तक करेंगे। बृहस्पति के इस गोचर से एक तरफ जहां देश में असामान्य तापमान बढ़ेगा, वहीं दूसरी तरफ जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र में बड़ा बदलाव आएगा। भारत के समुद्री तट पर रहने वाले लोगों को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मिथुन राशि में दूसरे भाव में बैठकर गुरु पांचवें, आठवें और दसवें भाव को देखेंगे। 

देश में सांप्रदायिकता के साथ-साथ राष्ट्रवाद की भावना भी प्रबल होगी। लोग एकजुट होकर और अपने हितों को किनारे रखकर देश के लिए काम करने की इच्छा के साथ आगे आ सकते हैं। इस दौरान वे लोग भी अधिक सक्रिय होंगे जिनका एजेंडा देश को चालाकी से बांटना है। हालांकि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है कि कौन देश विरोधी है। शनि देव मार्च तक दण्ड नायक की भूमिका में रहेंगे तथा उसके बाद बृहस्पति देश की आंतरिक स्थिति को संभालेंगे। बाद में देश के खिलाफ काम करने वालों की हालत खराब हो जाएगी। भारत की स्थिति प्रबल होगी। 

(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)

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