Akshat Puja: पूजा के दौरान हम देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार की चीजें चढ़ाते हैं। जिसमें मुख्य तौर पर फल, फूल, रोली, कुमकुम से लेकर चावल तक हम उन्हें अर्पित करते हैं। पूजा में जो सबसे विशेष सामग्री चढ़ाई जात है वह अक्षत है यानी चावल, जी हां किसी भी देवी देवता की पूजा हो तो उस पूजा के दौरान अक्षत चढ़ाने को बोला जाता है। क्या आप जानते हैं पूजा में अक्षत चढ़ाना इतना महत्वपूर्ण क्यों है। यदि पूजा सामग्री में कुछ भी न हो तो अक्षत अर्पित करने से उस सामग्री की कमी पूर्ण मानी जाती है। आइये आज जानते हैं क्यों अक्षत का पूजा में इतना विशेष महत्व है और इसके पीछे क्या मान्यता है।
अक्षत पूजा के दौरान क्यों चढ़ाया जाता है
- शास्त्रों में अन्न के रूप में चावल को सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। इस कारण से अक्षत पूजा में अर्पित करना सबसे उत्तम है।
- हम जब पूजा करते हैं तो भगवान से यही कामना करते हैं कि हमारे जीवन में सुख शांती बनी रहे। क्योंकि चावल सफेद रंग का होता है इसलिए इसे शांती का प्रतीक माना जाता है।
- चावल को सबसे शुद्ध अन्य के रूप में देखा जाता है। पूजा में किसी भी देवी देवता को स्वच्छ वस्तुएं ही अर्पित करनी चाहिए। चावल धान के अंदर उगता है और इसे पशु पक्षी तक झूठा नहीं कर पाते, इसलिए इसे पूजा में चढ़ाना सबसे शुभ माना जाता है।
- पूजा से पहले हम जो भी संकल्प लेते हैं उसमे यही प्रार्थना करते हैं की हमे जीवन में सफलता मिले और परेशानियों से सामना करने के लिए हिम्मत मिले। क्योंकि अक्षत का अर्थ होती है जो खंडित न हो इसलिए यह एकाग्रता का भी सूचक है।
पूजा में किस प्रकार का अक्षत चढ़ाएं
यदि आप पूजा में अक्षत चढ़ाएं तो इस बात का अवश्य ध्यान दें कि अक्षत बिल्कुल भी टूटा न हो। जो अक्षत खंडित होता वह पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए इससे देवी दवता नाराज हो जाते हैं। हमेशा साफ, सफेद और स्वच्छ अक्षत ही पूजा में चढ़ाएं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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